यूपी चुनावों से पहले Twitter लेकर आया नया अपडेट, लाल कलर में दि‍खाई देंगे मि‍स्‍लीड और गुमाराह करने वाले ट्वीट

ट्विटर (Twitter) ने चुनाव का माहौल देखकर हाल ही में नया अपडेट लाया है। अब ट्विटर पर गलत न्यूज़ और गलत जानकारी वाले ट्वीट को दो कलर में दिखाई देगा। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 17, 2021 5:08 AM IST / Updated: Nov 17 2021, 10:46 AM IST

टेक डेस्क. गलत और अफवाह फैलाने वाले ट्वीट सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के रडार पर हैं। इसके लि‍ए कंपनी एक नया अपडेट लेकर आर्इ है। अब सोसायटी को म‍िस्‍लीड करने वाले और अफवाह फैलाने वाले ट्वीट लाल और ऑरेंज कलर में दि‍खाई देंगे। कंपनी की पूरी टेस्‍टिंग हो चुकी है। आपको बता दें क‍ि 2020 के अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ग़लत सूचनाओं को फैलाने के लिए ट्वीटर का यूज हुआ था। यह नया अपडेट भारत में यूपी चुनावों में काफी मददगार साबि‍त हो सकता है। 

कैसे काम करता है ये नया लेवल

ट्विटर (Twitter) केवल तीन प्रकार की गलत सूचनाओं को लेबल करता है: 'हेरफेर मीडिया, जैसे वीडियो और ऑडियो जिन्हें भ्रामक रूप से ऐसे तरीके से बदल दिया गया है जो वास्तविक दुनिया को नुकसान पहुंचा सकते हैं;  दूसरी चुनाव और मतदान से संबंधित गलत सूचना और तीसरा COVID-19 से संबंधित झूठे या भ्रामक ट्वीट। ट्वीटर अपने नए वर्जन में ऐसे ट्वीट्स के लि‍ए नारंगी और लाल रंग का इस्‍तेमाल करेगा। पहले इनका कलर नीला था और ट्विटर की रंग भी सेम होने की वजह से यूजर सही से समझ नहीं पाते थे। ट्विटर ने कहा कि इसकी टेस्‍ट‍िंग से पता चला है कि यदि कोई लेबल बहुत आकर्षक है, तो यह अधिक लोगों को ऑरिजिनल ट्वीट को रीट्वीट करने और जवाब देने के लिए प्रेरित करता है।

दो कलर में दिखाई देंगे मिसलीडिंग और गुमराह करने वाले ट्वीट 

गुमराह करने वाले ट्वीट जिन्हें नारंगी रंग के चिह्न के साथ फिर से डिज़ाइन किया गया है और "Stay Informed " का नया लेवल मिला है। यानी अब आप ऐसे ट्वीट को तुरंत देख पाएंगे जो गलत जानकारी, और झूठी जानकारी को ट्वीटर पर फैला रहे हैं।  ज्यादा गंभीर गलत सूचना वाले ट्वीट, उदाहरण के लिए, एक ट्वीट जो ये दावा करता है कि 'कोविड का वैक्सीन गलत है इसे ना लें' ऐसे ट्वीट को 'Misleading' शब्द और एक लाल बिंदु के साथ एक मजबूत लेबल देखने को मिलेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि फेसबुक द्वारा भी इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे लेबल यूजर्स के लिए मददगार हो सकते हैं। लेकिन वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कंटेंट मॉडरेशन (कंटेट को एडिट करना) के अधिक कठिन काम को दूर करने की सुविधा देते हैं। फेसबुक (Facebook) के कंटेंट मॉडरेशन ये तय करते है कि पोस्ट, फोटो और वीडियो को हटाया जाए या नहीं, जो प्लेटफॉर्म पर साजिश और झूठ फैलाते हैं।

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