सबसे तेज इंटरनेट स्पीड का बना वर्ल्ड रिकॉर्ड, 1 सेकंड से कम समय में Netflix की लाइब्रेरी हो जाएगी डाउनलोड

आज जहां काफी लोग बेहद स्लो इंटरनेट स्पीड की बात करते हैं और HD या 4K वीडियो डाउनलोड करने में दिक्कत होती है, वहीं यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के इंजीनियरों ने सबसे तेज इंटरनेट स्पीड का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 26, 2020 10:56 AM IST / Updated: Aug 26 2020, 04:30 PM IST

टेक डेस्क। आज जहां काफी लोग बेहद स्लो इंटरनेट स्पीड की बात करते हैं और HD या 4K वीडियो डाउनलोड करने में दिक्कत होती है, वहीं यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के इंजीनियरों ने सबसे तेज इंटरनेट स्पीड का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। हाल ही में विकसित की गई टेक्नोलॉजी के जरिए अब 178 Terabits (TB) प्रति सेकंड की स्पीड पर डेटा डाउनलोड किया जा सकता है। इससे पहले सबसे तेज इंटरनेट स्पीड का रिकॉर्ड जापान के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेशन्स टेक्नोलॉजी के साइंटिस्ट्स का रहा है। उनकी स्पीड 172 Terabits प्रति सेकंड रही है।

एक सेकंड में होगी नेटफ्लिक्स की लाइब्रेरी डाउनलोड
178 Terabits की इंटरनेट स्पीड में एक सेकंड से भी कम समय में नेटफ्लिक्स की पूरी लाइब्रेरी को डाउनलोड किया जा सकता है। इस स्पीड में ब्लैक होल की दुनिया की पहली तस्वीर बनाने के लिए जुटाए गए डेटा को डाउनलोड करने में एक घंटे से भी कम समय लगता है। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए डेटा को आधे टन की हार्ड ड्राइव में स्टोर करके MIT भेजा गया था।

ऑप्टिकल फाइबर से अलग वेबलेंथ का इस्तेमाल
इतनी तेज स्पीड को हासिल करने के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने ऑप्टिकल फाइबर के मुकाबले कहीं ज्यादा वेबलेंथ के जरिए डेटा भेजा। रिसर्च टीम ने 9THz की जगह 16.8 Terahertz (THz) का इस्तेमाल किया, जो कुछ चुनिंदा बाजारों में उपलब्ध है। जिस सिस्टम पर हमारा इंटरनेट काम करता है, वह 4.5THz की बैंडविथ का इस्तेमाल करता है।
 
बढ़ा है इंटरनेट ट्रैफिक 
इस प्रोजेक्ट से जुड़े यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में प्रोफेसर और रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के रिसर्च फेलॉ डॉ. गैलडिनो का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से इंटरनेट ट्रैफिक कई गुना बढ़ा है। इसके पहले भी इंटरनेट ट्रैफिक पिछले 10 सालों के दौरान तेजी से बढ़ा है और डेटा की डिमांड में यह ग्रोथ प्रति बिट की कॉस्ट के नीचे आने से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि नई टेक्नोलॉजी का विकास कम कीमत पर डेटा उपलब्ध कराने के इस ट्रेंड को बनाए रखने के साथ भविष्य में भी डेटा की मांग को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। 

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