Zoom मीटिंग में अब लेंग्वेज बैरियर होगा खत्म, किसी भी भाषा को अपने आप जूम कर लेगा ट्रांसलेट

वीडियो टेलीकांफ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम ने हाल ही में घोषणा की कि वह AI कंपनी काइट्स  के रूप में जानी जाने वाली कंपनी का अधिग्रहण कर रही है, जिसने रियल-टाइम ट्रांसलेशन और ट्रांसक्रिप्शन सॉफ्टवेयर बनाने पर काम किया है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 1, 2021 4:26 AM IST

टेक डेस्क : फ्रॉम होम होम कलचर या क्लासेस में सबसे ज्यादा इस्तेमाल अगर किसी चीज का हो रहा है तो वह ऑनलाइन मीटिंग्स का। ऑनलाइन मीटिंग में भी  Zoom सबसे पॉपुलर ऐप है। जिसके जरिए दुनिया के किसी भी कोनों में बैठे सारे लोग एक साथ जुड़कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं। लेकिन कई बार लेंग्वेज अलग होने की वजह से हम दूसरों की बातें नहीं समझ पाते है। ऐसे में वीडियो टेलीकांफ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म जूम ने हाल ही में घोषणा की कि वह AI कंपनी काइट्स (कार्लजूए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ) के रूप में जानी जाने वाली कंपनी का अधिग्रहण कर रही है, जिसने रियल-टाइम ट्रांसलेशन (real time translation) और ट्रांसक्रिप्शन सॉफ्टवेयर बनाने पर काम किया है। हालांकि जूम में पहले से ही रीयल-टाइम ट्रांसक्रिप्शन है, लेकिन यह उन लोगों तक सीमित है जो इंग्लिश में बात कर रहे हैं। लेकिन अब ये अन्य भाषाओं का भी ट्रांसलेशन करेगा।

क्या है काइट्स
काइट्स (Kites) एक स्टार्ट-अप है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई थी। यह कंपनी रीयल-टाइम मशीन ट्रांसलेशन के सोल्युशन पर काम करती है। कंपनी ने कहा है कि वह जर्मनी में एक रिसर्च सेंटर खोलने पर विचार कर रही है, जहां काइट्स टीम रहेगी। इस टीम में 12 रिसर्चर्स शामिल होंगे, जो जूम की इंजीनियरिंग टीम को मशीन ट्रांसलेशन के फील्ड को आगे बढ़ाने में मदद करेगे और इसकी मदद से जूम मीटिंग के दौरान यूजर्स अलग अलग भाषा का इस्तेमाल करने वाले लोगों की भाषा का ट्रांसलेशन आसानी से अपनी भाषा में कर पाएंगे।

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हाल ही में जूम ने iPad यूजर्स के लिए एक्स्ट्रा कैमरा सपोर्ट भी दिया है। साथ ही यूजर्स को उनकी स्क्रीन के सामने घूमने की अनुमति देता है, जबकि सामने वाला कैमरा उनके मूवममेंट को ट्रैक करता है और वीडियो फ्रेमिंग को एडजस्ट करता है ताकि वे दिखाई दे सकें। 

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