16 महीने की साइरा जुवेंटस अभी बोलना सीख रही है। लेकिन उससे पहले ही उसने किसी दूसरे की जिंदगी में खुशी लाने वाला फैसला किया। शायद साइरा शहर की सबसे कम उम्र की डोनर होगी।
हैदराबाद. जिस उम्र में बच्चे चलना और बोलना सीखते हैं उस उम्र में हैदराबाद की साइरा के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। वह अपने बाल कैंसर पीड़ितों को लिए दान कर रही है। बच्ची की मां जेरुशा दोरकास ने अपनी बेटी के बाल हैदराबाद में हेयर डोनेशन फाउंडेशन को दे दिए। मां का मानना है कि कैंसर से उभरने के बाद डोनेट किए गए बाल रोगियों के आत्मविश्वास को वापस लाने में बहुत मदद करते हैं।
16 महीने की साइरा जुवेंटस अभी बोलना सीख सीख रही है। लेकिन उससे पहले ही उसने किसी दूसरे की जिंदगी में खुशी लाने वाला फैसला किया। शायद साइरा शहर की सबसे युवा होगी, जो अपने बाल डोनेट कर रही है।
कैंसर के वक्त बाल झड़ जाते हैं
बच्ची की मां ने कहा कि ये तो सभी को पता है कि कैंसर के इलाज के वक्त कीमोथेरेपी के कारण बाल खत्म हो जाते हैं। इसलिए मैं अपनी बेटी के बाल उनके लिए दान करना चाहती हूं। साइरा के बाल थोड़े समय में वापस उग आएंगे। लेकिन उसके दान किए गए बाल कैंसर रोगियों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेंगे। बच्ची के अलावा मां ने तीन बार अपने बाल दान किए हैं।
"मैंने सोचा था कि वह अपना सिर मुंडवाने के दौरान या बाद में रोएगी। लेकिन वह एक बार भी नहीं रोई। यह मेरे लिए बहुत गर्व की अनुभूति है।"
दूसरों को लेनी चाहिए प्रेरणा
साइरा की मां को उम्मीद है कि साइरा का उदाहरण दूसरों को भी ऐसे मुद्दों को उठाने के लिए प्रेरित करेगा। भारत में कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या के साथ बाल डोनर की भी बहुत जरूरत है।