क्लासिक कंपनी मर्सिडीज बेंज की 1955 मॉडल की एक कार 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूप (Mercedes Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe) बीते 5 मई को जर्मनी में नीलाम हुई। नीलामी में यह कार 143 मिलियन डॉलर यानी 1100 करोड़ में बिकी और इस तरह यह दुनिया की अब तक की सबसे महंगी बेची गई कार बन गई है।
नई दिल्ली। आप यह जानकर शायद चौंक जाएं कि दुनिया की सबसे महंगी कार की कीमत 143 मिलियन डॉलर यानी लगभग 1100 करोड़ रुपए है। इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि यह कार किसी कंपनी की हाल ही में तमाम फीचर्स से लैस हाल ही में लॉन्च हुई कोई 2022 मॉडल नहीं है बल्कि, यह 1955 मॉडल की एक मर्सिडीज बेंज है।
मर्सिडीज ने इस खास मॉडल की सिर्फ दो कार बनाई थी, जिसमें एक यह है, जिसकी हाल ही में नीलामी हुई और यह दुनिया की अब तक की सबसे महंगी कार बेची गई और इसकी दूसरी कार कंपनी के म्यूजियम में रखी है। यह कार मॉडल है 1955 मर्सिडीज बेंज 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूप (Mercedes Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe)। इस मॉडल का यह नाम इसे बनाने वाले इंजीनियर रुडोल्फ उहलेनहॉट के नाम पर रखा गया था।
2018 में फेरारी की एक मॉडल को 3 अरब 72 करोड़ में नीलाम किया गया था
1955 मॉडल की यह मर्सिडीज बेंज कार अब तक बेची गई दुनिया की सबसे महंगी कार बन गई है। इससे पहले 2018 में 1962 मॉडल फेरारी 250 जीटीओ को नीलामी में बेचा गया था। तब इसकी कीमत 48 मिलियन डॉलर यानी 372 करोड़ रुपए में बेची गई थी। नीलामी कंपनी से जुड़े अधिकारी आरएम सोथबी के अनुसार, बीते गुरुवार को 1955 मॉडल मर्सिडीज बेंज कार पहले 2018 में बेची गई फेरारी कार से लगभग तीन गुना अधिक दाम पर बेची गई, जो अपने आप में रिकॉर्ड है।
जिस इंजीनियर ने इसे बनाया, कार मॉडल उन्हीं के नाम पर रखा गया
इस क्लासिक कार कंपनी की ओर से बताया गया कि यह नीलामी बीते 5 मई को जर्मनी स्थित स्टटगार्ट संग्रहालय में की गई। यह खास कार मर्सिडीज बेंज रेसिंग डिपार्टमेंट की ओर से बनाए गए दो प्रोटोटाइप कार में से एक है। इसे चीफ इंजीनियर रुडोल्फ उहलेनहॉट ने बनाया था। उन्हीं के नाम पर इस मॉडल का नामांकरण हुआ था। नीलामी कंपनी की ओर से यह भी बताया गया है कि जिसने इस कार को खरीदा उसने यह सहमति व्यक्त की है कि 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूप को खास अवसरों पर सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए मुहैया कराएगा।
सार्वजनिक अवसरों पर प्रदर्शनी के लिए मौजूद रहेगी यह कार
इस मॉडल की दूसरी और अंतिम कार कंपनी के मर्सिडीज बेंज संग्रहालय में रखी है और उसे भी सार्वजनिक अवसरों पर यह क्लासिक कंपनी प्रदर्शित करती रहेगी। आरएम सोथबी ने कहा कि नीलामी से प्राप्त आय का उपयोग दुनियाभर में मर्सिडीज-बेंज फंड स्थापित करने के लिए किया जाएगा। यह पर्यावरण विज्ञान और डी-कार्बोनाइजेशन अनुसंधान को निधि के तौर पर दिया जाएगा।
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