मौत से बचाने के लिए लड़कियों के स्कूल रिकॉर्ड जलाए जा रहे, ऐसी है तालिबान के खौफ की डराने वाली कहानी

स्कूल ऑफ लीडरशिप के संस्थापक शबाना बासिज रसिख ने कहा, ये अफगानिस्तान में एकमात्र लड़कियों का बोर्डिंग स्कूल है। मैं उनकी और उनके परिवारों की जान बचाने के लिए रिकॉर्ड को मिटा रही हूं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2021 11:14 AM IST

काबुल. तालिबान की क्रूरता के बाद अफगानिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है। अफगानिस्तान में एक ऑल गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल की संस्थापक तालिबान से बचाने के लिए अपने छात्रों के रिकॉर्ड जला रही है। अपने पिछले शासन में तालिबान ने लड़कियों को स्कूल जाने से रोका था। तालिबान महिलाओं के खिलाफ अत्याचार करने के लिए जाना जाता है।

'लड़कियों को एकमात्र बोर्डिंग स्कूल'
स्कूल ऑफ लीडरशिप के संस्थापक शबाना बासिज रसिख ने कहा, ये अफगानिस्तान में एकमात्र लड़कियों का बोर्डिंग स्कूल है। मैं उनकी और उनके परिवारों की जान बचाने के लिए रिकॉर्ड को मिटा रही हूं। मैं यह बयान उन छात्रों के परिवारों को आश्वस्त करने के लिए दे रही हूं जिनके रिकॉर्ड हमने जलाए। 

शबाना ने पिछले तालिबान शासन के दौरान अपने अनुभवों को याद करते हुए कहा, 2002 में तालिबान के पतन के साथ ही महिलाएं आगे आईं। लगभग 20 साल बाद तालिबान ने फिर से अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। शबाना ने ट्वीट किया, अभी मेरे पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। अभी कोई भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है। 

तालिबान के आश्वासन के बावजूद अफगान महिलाएं अभी भी डरी हैं। तालिबान के शरिया कानून के तहत महिलाएं पढ़ाई नहीं कर सकती हैं। अगर शरिया कानून को तोड़ा तो कड़ी सजा दी जाती है। यहां तक कि कुत्तों से कटवाया जाता है। पत्थर से मरवाया जाता है।

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