बीरेन को लगता था कि बेलारानी के टुकड़े कर यहां-वहां फेंकने से वह बच जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ। इस जघन्य हत्याकांड में बीरेन को फांसी की सजा सुनाई गई।
ट्रेंडिंग डेस्क. शॉकिंग मर्डर सीरीज में आज हम आपको बता रहे हैं 68 साल पहले हुए एक भयानक हत्याकांड के बारे में जो दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड की तरह ही था। इस हत्याकांड में एक शख्स ने बेरहमी से अपनी प्रेग्नेंट पार्टनर को मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे। इतना ही नहीं उसने पार्टनर के शरीर के टुकड़ों को घर की अलमारी में भर दिया था।
जब टॉयलेट में दिखी कटी हुई अंगुलियां
ये घटना है 31 जनवरी 1954 की है। कोलकाता के एक व्यस्ततम इलाके में बने शौचालय में एक सफाई कर्मी ने अखबार में लिपटी अंगुलियों को देखा। ये देखकर वह काफी डर गया था, अखबार में खून के छींटे भी दिख रहे थे जो स्याही की तरह काले पड़ चुके थे। घबराया हुआ सफाई कर्मी इसकी सूचना पुलिस को देता है। कुछ ही देर पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंचती है और अंगुलियों को अपने कब्जे में ले लेती है।
कोलकाता में कई जगहों पर मिले शरीर के टुकड़े
पुलिस को ये समझते देर नहीं लगती कि ये बेरहमी से किए गए कत्ल का मामला है। मृतक की पहचान और हत्यारे का पता लगाने के लिए जांच टीमें बनाई जाती हैं। तभी पुलिस को सूचना मिलती है कि कुछ दूसरी जगहों पर भी मानव अंग पेपर में लिपटे मिले हैं। कोलकाता के कई इलाकों में इस तरह मानव अंग मिलने से दहशत फैल जाती है। पुलिस पर हत्यारे को पकड़ने का दबाव बढ़ जाता है, तभी पुलिस को बेलारानी दत्ता नाम की महिला के गुम होने की सूचना मिलती है। पुलिस की जांच में पता चलता है कि ये शरीर के टुकड़े किसी और के नहीं बल्कि बेलारानी दत्ता के हैं।
इस वजह से की बेलारानी की हत्या
पुलिस बिना देर किए जांच को बेलारानी पर केंद्रित कर देती है, तभी बीरेन नामक शख्स को हिरासत में लिया जाता है। पता चलता है कि बीरेन के बेलारानी से संबंध थे, हांलांकि वह एक और महिला मीरा के साथ भी रहता था। सख्ती से पूछताछ करने पर बीरेन टूट जाता है और अपनी हैवानियत का काला चिट्ठा पुलिस के सामने खोलता है। बीरेन बेलारानी की हत्या की वजह बताते हुए कहता है कि उसके मीरा के साथ-साथ बेलारानी से भी शारीरिक संबंध थे। जब वह मीरा के साथ रहता था तो बेलारानी नाराज हो जाती और बेलारानी से मिलने जाता तो मीरा से उसका झगड़ा हो जाता था। इसी बीच बेलारानी ने उसे बताया कि वह प्रेग्नेंट है, जिसके बाद बीरेन ने उसकी हत्या कर दी।
दो दिन तक सोया शव के साथ
बीरेन ने बेलारानी के शव को काटकर घर की अलमारी में भर दिया था और खूब शराब पीकर उनक टुकड़ों के साथ दो दिन तक सोता रहा। दुर्गंध बढ़ने पर उसने कोलकाता के कई इलाकों में घूमघूमकर ये टुकड़े फेंक दिए। उस दौर में मीडिया इतना सक्रिय नहीं था इसके बावजूद इस कांड की पूरे देश में चर्चा रही और कई अखबारों में इस हत्याकांड की खबरें छपीं। बीरेन को लगता था कि बेलारानी के टुकड़े कर यहां-वहां फेंकने से वह बच जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ। इस जघन्य हत्याकांड में बीरेन को फांसी की सजा सुनाई गई।
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