इस देश के कर्मचारी करेंगे 4 दिन काम और 3 दिन आराम, ऑफिस से निकलने के बाद बॉस का आदेश मानना भी जरूरी नही

बेल्जियम (Belgium) के कर्मचारी अब हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम (Work four day in a week) करेंगे और हफ्ते में तीन दिन वीक ऑफ (Three Days Week off) मनाएंगे।सरकार की ओर से श्रम कानूनों (Labour law) में किए गए बदलाव के बाद वहां की कंपनियों के लिए शाम और रात की शिफ्ट यानी इवनिंग शिफ्ट (Evening Shift) और नाइट शिफ्ट (Night Shift) में काम करने के नियम भी लागू करना आसान हो जाएगा। इसके लिए उन्हें लेबर यूनियनों से अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी। 

नई दिल्ली। यदि आपसे कहा जाए कि हफ्ते में चार दिन काम करें और तीन दिन आराम, तो इस पर आप क्या प्रतिक्रिया देंगे। जाहिर है बहुत से लोग खुश होंगे और इस ऑफर को तुरंत स्वीकार कर लेंगे। हालांकि, यह ऑफर अभी भारत में उपलब्ध नहीं है, लेकिन बेल्जियम ने इसे अपने यहां नियम बनाकर लागू कर दिया है। यही नहीं, इस आदेश में जो सबसे आकर्षक और मजेदार नियम है, जो लोगों को खूब पंसद भी आ रहा है वह ये कि शिफ्ट खत्म होने के बाद आप काम संबंधी अपने सभी डिवाइस ऑफ कर दीजिए और इसके बाद आप बॉस या ऑफिस से किए गए किसी भी संदेश को इग्नोर करने का अधिकार भी रखते हैं यानी बॉस कोई आदेश दे तो आप उसे नजरअंदाज करने का अधिकार भी रखते हैं। इसके लिए आपको अगले दिन ऑफिस जाने पर कोई दंड भी नहीं मिलेगा। 

इसका मतलब है कि बेल्जियम के कर्मचारी अब हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम करेंगे और हफ्ते में तीन दिन वीक ऑफ मनाएंगे। दरअसल, बेल्जियम की सरकार यह फैसला अपने देश में श्रम कानून को और अधिक लचीला बनाने के लिए जारी किया है। वहां की सरकार ने अपने श्रम कानूनों में बड़े स्तर पर बदलाव किया है। 

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इवनिंग और नाइट शिफ्ट पर भी काम की तैयारी 
दिलचस्प यह भी है कि बेल्जियम की सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किए गए बदलाव के बाद वहां की कंपनियों के लिए शाम और रात की शिफ्ट यानी इवनिंग शिफ्ट और नाइट शिफ्ट में काम करने के नियम भी लागू करना आसान हो जाएगा। इसके लिए उन्हें लेबर यूनियनों से अनुमति भी नहीं लेनी पड़ेगी। बता दें कि बेल्जियम अभी तक सख्त श्रम कानून लागू  करने वाले देशों में शुमार रहा है। 

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बेल्जियम हटाना चाहता है बेरोजगारी का ठप्पा 
बेल्जियम के प्रधानमंत्री एलेंक्जेंडर डी क्रू के मुताबिक, कंपनियां और कर्मचारी काम के घंटों को व्यवस्थित कर सकें, इसके लिए उन्हें यह आजादी दी जा रही है। दूसरे देशों की तुलना के दौरान यह पाया जाता है कि बेल्जियम कम उदार है। इस बदलाव से उम्मीद है बेल्जियम पर लगा यह ठप्पा हटेगा। बेल्जियम में 20 से 64 वर्ष के प्रत्येक सौ लोगों में करीब 71 को रोजगार मिला है। यह यूरोपीय देश में औसत के मुकाबले कम है। यूरोपीय देशों में सौ में 73 लोगों को नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने हमें और अधिक लचीले ढंग से काम करने के लिए सोचने पर मजबूर किया है। श्रम बाजार को उसके अनुरुप होने की जरूरत भी है। 

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ब्रिटेन में जून से ट्रायल, कई और देश लाइन में 
बेल्जियम के अलावा, ब्रिटेन भी अपने देश में यह नियम लागू करने जा रहा है। हालांकि, यह नियम वहां आगामी जून महीने से लागू होगा। यहां हफ्ते में चार दिन काम को पहले ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा। फिलहाल इसके लिए 30 कंपनियों ने अपनी सहमति दी है। लगभग छह महीने तक चलने वाले इस ट्रायल में कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों को सप्ताह में 32 घंट काम करने की अनुमति होगी और हफ्ते में तीन दिन का वीक ऑफ दियाा जाएगा। इस दौरान उनके वेतन या भत्तों में किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी। इसके अलावा, अमरीका, आयरलैंड, कनाडा समेत कई और देश अपने यहां इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू करने वाले हैं। 
 

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