क्या है कोरोना को हराने का '75% वयस्कों को वैक्सीन' फॉर्मूला, ब्राजील के एक शहर में आई 95% मौतों में गिरावट

वयस्कों को वैक्सीन लगाने के नतीजे चौंकाने वाले थे। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगाई गई थी वे भी वायरस के कम संक्रमण फैलने की वजह से सुरक्षित थे।

Asianet News Hindi | Published : Jun 2, 2021 7:51 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। इस बीच वायरस को नियंत्रित करने के लिए वैक्सीन लगाने का काम तेज किया जा रहा है। ब्राजील के सेराना में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में 95 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके पीछे की वजह वैक्सीन ही है। दरअसल, शहर के 45,000 वयस्कों को वैक्सीन लगाई गई है। उन्हें चीनी वैक्सीन कोरोनवैक की डोज दी गई थी।

वैक्सीन लगाने के चौंकाने वाले नतीजे 
वयस्कों को वैक्सीन लगाने के नतीजे चौंकाने वाले थे। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी वे भी वायरस के कम संक्रमण के कारण सुरक्षित थे।

फरवरी और अप्रैल के बीच हुआ था प्रयोग
यह प्रयोग फरवरी और अप्रैल के बीच इंस्टीट्यूटो बुटानटन ने किया था। प्रयोग में 18 साल से अधिक उम्र के लगभग 75 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक दी गई थी। ऐसे में नतीजा ये निकला कि पूरी आबादी का वैक्सीनेशन किए बिना ही महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं। 

जब 95 प्रतिशत वयस्कों को वैक्सीन लगाई गई तो नतीजे और भी ज्यादा चौंकाने वाले थे। 
- मौतों में 95 फीसदी की गिरावट
- अस्पताल में भर्ती होने वालों में 86 प्रतिशत की गिरावट
- लक्षण दिखने के केस में 80 फीसदी की गिरावट
 
इस प्रयोग से ये भी पता चला कि स्कूलों को खोलने के लिए बच्चों को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं है। शोध निदेशक ने कहा कि ये भी निष्कर्ष निकला की 20 साल  से कम उम्र के उन लोगों की वैक्सीन लगाए बिना उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सकता है। 

अमेरिका के बाद ब्राजील में कोरोना के सबसे ज्यादा केस
अमेरिका के बाद ब्राजील कोरोनो वायरस से सबसे ज्यादा संक्रमित देश था। यहां लगभग 4,63,000 लोगों की मौत कोविड की वजह से हुई। यहां पर्याप्त वैक्सीन न होने की वजह से टीकाकरण भी धीमा है। 

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