
ऑटो डेस्क. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बरसात से ज्यादा ठंड के मौसम में कार का ध्यान रखना जरूरी होता है। कई कारणों से इस मौसम में कार की देखभाल करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इसे नजरअंदाज करना आपको बीच राह मुसीबत में डाल सकता है। इस आर्टिकल में जानें कि ठंड के मौसम में आपको अपनी कार से जुड़ी किन गलतियों से बचना चाहिए और किन चीजों का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।
बैटरी पर रखें नजर
आपकी कार नई हो या पुरानी उसकी बैटरी पर हमेशा नजर बनाए रखना जरूरी है। दरअसल, ठंड के मौसम में तापमान ज्यादा गिरने से बैटरी तेजी से डिस्चार्ज होती हैं। ऐसे में आप अगर कुछ दिनों तक कार का इस्तेमाल नहीं भी कर रहे हैं तब भी आपको कार को कम से कम 2 दिन में एक बार स्टार्ट करके कुछ मिनट छोड़ना चाहिए। इससे बैटरी को बूस्ट मिल जाता है। सेल्फ स्टार्ट के दौरान कार की मोटर्स बैटरी से बहुत तेजी से डायरेक्ट करेंट (DC) खींचती हैं और बैटरी के वोल्टेज में जरा भी फर्क उसके सेल्फ स्टार्ट में समस्या पैदा कर सकता है। कार की उम्र के साथ-साथ बैटरी भी जब पुरानी होने लगती है तब उसका डिस्चार्ज रेट काफी ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में अगर आपकी कार की बैटरी ज्यादा चार्ज होल्ड नहीं कर पा रही है तो समस्या से बचने के लिए इसे रिप्लेस कराना बेहतर विकल्प है।
टायर्स व हवा के दबाव पर रखें नजर
जिस प्रकार गर्मी के मौसम में टायर की हवा फैलती है, ठीक इसके विपरीत ठंड के मौसम में टायर की हवा कम होने लगती है। ऐसे में लॉन्ग ड्राइव पर जाने से पहले आपको टायर का सही प्रेशर चेक करवाना जरूरी है। टायर में कम प्रेशर के वजह से आपकी कार कम एवरेज देती है, साथ में टायर में कट लगने की संभावना भी ज्यादा बढ़ जाती है। हवा के साथ-साथ टायर की थ्रेड भी जरूर चेक कर लें, ज्यादा ठंड वाली जगहों पर टायर कड़क हो जाते हैं वहीं थ्रेड या ग्रिप नहीं होने से गाड़ियां स्लिप होना शुरू हो जाती हैं।
कार के एसी व हीटर को करें चेक
ठंड के मौसम में लोग अक्सर ये गलती करते हैं, वे कार के एसी को चलाना बंद कर देते हैं, जिससे बाद में समस्या खड़ी हो जाती है। कुछ लोग कार का ब्लोअर फैन खराब होने पर उसे ये सोचकर नहीं सुधरवाते कि उसकी ठंड में जरूरत नहीं पड़ेगी, पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ज्यादा ठंड पड़ने पर या नमी में बदलाव होने की वजह से कार की विंड स्क्रीन पर मॉइस्चर जमा हो जाता है। कई इलाकों में ड्राइविंग के दौरान ये अचानक होता है, जिससे ड्राइवर को कुछ भी दिखाई नहीं देता और दुर्घटना घट जाती है। ऐसे वक्त में कार की विंड स्क्रीन (सामने वाले कांच) को हीटर या एसी की हवा से साफ किया जाता है। इसी वजह से ठंड के मौसम में भी कार के एसी व ब्लोअर फैन को वर्किंग कंडिशन में रखना जरूरी है।
कूलेंट डालने में रखें सावधानी
अगर आप अपनी कार में खुद कूलेंट डालते हैं, तो ठंड में आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गाड़ी के लिए कंपनी द्वारा बताए गए कूलेंट का ही इस्तेमाल करें। कूलेंट भी इंजन ऑइल की तरह कई ग्रेड के होते हैं, ये ग्रेड ये भी बताते हैं कि कूलेंट कितना गाढ़ा है और उसी के आधार पर पेट्रोल व डीजल इंजन के रेडियेटर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादा ठंड वाली जगहों पर पतला कूलेंट इस्तेमाल किया जाता है जिससे ये ठंड में जमे नहीं है। कई बार कूलेंट जमने से रेडिएटर सही काम नहीं कर पाता और इंजन ओवर हीट होकर बंद भी हो सकता है।
नोट : अधिक जानकारी के लिए अपने कार मैन्युल को अवश्य पढ़ें और सर्विस सेंटर से सलाह जरूर लें।
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