वैक्सीन लेने के बाद भी लोग क्यों हो रहे हैं कोरोना से संक्रमित, जान लें इससे बचने का क्या उपाय है?

कोरोना महामारी में वैक्सीन बीमारी से बचाव करती है, लेकिन वैक्सीन लगवाने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। कोरोना महामारी में वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लोग मास्क लगाना बंद कर देते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। वैक्सीन लगवाने के करीब 2 हफ्ते के बाद शरीर में एंटीबॉडी विकसित होते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : May 12, 2021 10:36 AM IST / Updated: May 17 2021, 11:54 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना महामारी में वैक्सीन बीमारी से बचाव करती है, लेकिन वैक्सीन लगवाने के बाद भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैक्सीन लेने के बाद विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। कोरोना महामारी में वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लोग मास्क लगाना बंद कर देते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। वैक्सीन लगवाने के करीब 2 हफ्ते के बाद शरीर में एंटीबॉडी विकसित होते हैं। 

वैक्सीन संक्रमण के असर को कम करती है
डॉक्टर अविरल रॉय ने कहा कि वैक्सीन लगवाने के बाद आप संक्रमण के हल्के वाहक होते हैं यानी संक्रमण का असर कम होता है। डॉक्टरों ने कहा कि वैक्सीन खून में एंटीबॉडी बनाते हैं जबकि वायरस नाक में संक्रमण फैलाते हैं। वैक्सीन लगी हो या न लगी हो, मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। 

वैक्सीन बूस्टर का काम करती है
मीडिया से बात करते हुए कोलकाता के सीके बिरला हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर राजा धर ने कहा कि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद ये बॉडी में मिनी साइटोनिक स्टोर्म बनाता है। 

मान लीजिए, आप वैक्सीन लगवाने जाते हैं। कोरोना हवा में है। ऐसे में वैक्सीन लेने पर ये संक्रमण से बचाव करती है। वैक्सीन शरीर में एक बूस्टर के रूप में काम करती है। ये बुखार और ऐसे बीमारियों से बचाने में मदद करती है। लेकिन वैक्सीन लेने के बाद सुरक्षा रखना बहुत जरूरी है।

वैक्सीन खून में एंटीबॉडी बनाती है नाक में नहीं
डॉक्टर अविरल रॉय ने कहा कि कोविड -19 वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर रूप में दिया जाता है। ये खून में सुरक्षा करती है। वायरस आपके शरीर में नाक के जरिए प्रवेश करता है। ऐसे में वैक्सीन वायरस को रोकने में मदद नहीं करता है, क्योंकि यह नाक में एंटीबॉडी नहीं बना रहा है। जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है, तब खून में बनीं एंटीबॉडी उसके प्रभाव को कम करते हैं। ऐसे में व्यक्ति गंभीर बीमार नहीं पड़ता है।

कोविड -19 की एक डोज लोगों को 70-85% तक गंभीर संक्रमण होने से बचाती है। दूसरी खुराक लोगों को लगभग 95% गंभीर रूप से संक्रमित होने से रोकती है। ऐसे में वैक्सीन न लगवाना बहुत गलत फैसला है।  

आईसीयू तक जाने से बचाती है वैक्सीनः डॉक्टर ने कहा कि कोविड -19 वैक्सीन की डोज आपको गंभीर बीमारी से बचाती है और आईसीयू में एडमिट होने की स्थिति नहीं आती है।   

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

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