Earthquake : इस वजह से चंद्र ग्रहण के आसपास आते हैं बड़े भूकंप, साइंटिस्ट ने बताया खतरनाक कनेक्शन

Published : Nov 09, 2022, 11:02 AM ISTUpdated : Nov 09, 2022, 01:08 PM IST
Earthquake  : इस वजह से चंद्र ग्रहण के आसपास आते हैं बड़े भूकंप,  साइंटिस्ट ने बताया खतरनाक कनेक्शन

सार

ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं जब चंद्र ग्रहण के आसपास देश व दुनिया में तेज भूकंप के झटके आए। जानें एक ऐसी ही रिसर्च के बारे में।

ट्रेंडिंग डेस्क. चंद्र ग्रहण के बाद मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात आए भूकंप ने उत्तर भारत के कई राज्यों को हिलाकर रख दिया। नेपाल में आए 6.3 की तीव्रता वाले भूकंप से दिल्ली-एनसीआर और यूपी तक तेज झटके महसूस किए गए। वहीं दीपावली के बाद लगे सूर्य ग्रहण के बाद मप्र के जबलपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे और ये भूकंप भी मंगलवार को ही आया था। क्या आप जानते हैं कि कई बड़े भूकंप सूर्य ग्रहण से ज्यादा चंद्र ग्रहण के आसपास आते हैं?

भकूंप और चंद्र ग्रहण का खतरनाक कनेक्शन

यूं तो ज्योतिषशास्त्र में ये बात पहले से ही कही जाती है कि सूर्य ग्रहण और खासतौर पर चंद्र ग्रहण के कुछ दिन पहले या बाद में भूकंप जैसी प्राकृति आपदाएं आती हैं। वहीं कुछ साइंटिस्ट्स भी इस बात का पुरजोर समर्थन करते हैं। ऐसे दर्जनों उदाहरण हैं जब चंद्र ग्रहण के आसपास देश व दुनिया में तेज भूकंप के झटके आए। जानें एक ऐसी ही रिसर्च (Earthquake and Lunar Eclipse) के बारे में।

क्या कहती है भूकंप पर ये रिसर्च?

ऑस्ट्रेलिया के भूविज्ञानी रॉबर्ट बस्ट ने इसे लेकर 2012 में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की थी। इस रिसर्च में दावा किया गया था कि चांद का गुरुत्वाकर्षण अब पृथ्वी पर पहले से ज्यादा असर डालने लगा है। ये तो सभी जानते हैं कि चांद के गुरुत्वाकर्षण से समुद्र में ज्वार-भाटा आता है, लेकिन ये कम लोग जानते होंगे कि सूर्य और चंद्रमा के इसी गुरुत्वाकर्षण बल से धरती के नीचे मौजूद परतों में भी हलचल होती है। रॉबर्ट के मुताबिक ये एक खतरनाक कनेक्शन है।

इस दौरान बढ़ जाती है हलचल

रिसर्च में आगे कहा गया है कि गुरुत्वाकर्षण बल से पृथ्वी पर ये हलचल तब और तेज हो जाती है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में होते हैं और ऐसा तब होता है जब ग्रहण पड़ता है। इस दौरान पृथ्वी के कोर में 55 सेंटीमीटर तक का उभार आ सकता है, जिससे टेक्टॉनिक प्लेट्स हिल जाती हैं और बड़े भूकंप आते हैं। बास्ट ने दावा किया कि वे सन् 1973 से दुनिया में आने वाले 6 से ऊपर की तीव्रता वाले भूकंपों पर रिसर्च कर रहे हैं, इनमें से ज्यादातर चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के इर्द-गिर्द ही थे।  बास्ट ने आगे कहा कि चंद्र ग्रहण के दौरान बड़े भूकंपों की संभावना सूर्य ग्रहण से ज्यादा होती है, क्योंकि इस दौरान सूर्य और चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण दोनों ओर से धरती पर पड़ता है।

जापान के भूकंप को किया याद

बास्ट ने 21 दिसंबर 2010 को पड़े चंद्र ग्रहण और उसी दिन जापान में आए 7.5 की तीव्रता वाले भूकंप का जिक्र किया, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। इसके अगले ही दिन ईरान में 6.5 के भूकंप ने 11 लोगों की जान ले ली थी। रॉबर्ट भूकंप और उससे जुड़ी भविष्यवाणियों पर कई किताबें भी लिख चुके हैं और उनकी कई डाॅक्यूमेंट्री टीवी पर प्रसारित की जा चुकी हैं।

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