छह महीने की पैटरनिटी लीव के बाद लौटे एक कर्मचारी को नौकरी से निकालने पर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ब्रिटेन के बैंकिंग संस्थान गोल्डमैन सैक्स के खिलाफ पूर्व कर्मचारी ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।
कर्मचारी का कहना है कि छह महीने की पैटरनिटी लीव के बाद वापस आने पर उसे बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल दिया गया। कर्मचारी ने अदालत में दायर अपनी शिकायत में कंपनी की अनुचित कार्रवाई से हुए नुकसान के लिए पांच मिलियन डॉलर (लगभग 41 करोड़ रुपये) मुआवजे की मांग की है।
लंदन में गोल्डमैन के कंप्लेंट डिपार्टमेंट में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत जोनाथन रीव्स ने यह केस दायर किया है। रीव्स ने अपनी शिकायत में कहा है कि छुट्टी से लौटते ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि पुरुष कर्मचारियों द्वारा लंबी छुट्टी लेने पर कंपनी की असहमति ही उनकी बर्खास्तगी का असली कारण है।
रीव्स का आरोप है कि बच्चे के जन्म के बाद उसकी देखभाल के लिए उन्होंने कंपनी द्वारा दी गई छुट्टी ली थी, लेकिन ऐसी छुट्टियां कंपनी के कागजों में ही होती हैं और इन्हें लेने वालों के साथ भेदभाव किया जाता है।
हालांकि, गोल्डमैन सैक्स ने रीव्स के आरोपों का खंडन किया है। कंपनी ने कहा कि रीव्स को सौंपी गई जिम्मेदारियों को ठीक से पूरा न कर पाना ही बर्खास्तगी का असली कारण है। इसके अलावा, बैंक ने नए माता-पिता को 26 हफ्ते की सवेतनिक पैरेंटल लीव देने के रिकॉर्ड भी जारी किए।
बैंक ने स्पष्ट किया कि यह सभी कर्मचारियों के लिए एक हक है और सभी को, चाहे महिला हो या पुरुष, यह छुट्टी लेने का अधिकार है। मामला अब अदालत के विचाराधीन है।