चीन में लोग मशहूर लग्जरी ब्रांड गुच्ची और स्पोर्ट्स वियर कंपनी एडिडास को जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं। लोगों की नाराजगी इन दोनों फर्म की ओर से बाजार में उतारे गए एक अजीबो-गरीब छाते को लेकर है, जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा में करीब सवा लाख रुपए है। दिलचस्प यह है कि यह छाता बारिश में भीगने से भी नहीं बचा सकता।
नई दिल्ली। लग्जरी और मशहूर ब्रांड गुच्ची और स्पोर्ट्स वियर कंपनी एडिडास की इन दिनों चीन में जबरदस्त चर्चा हो रही है। ये दोनों ब्रांड चीन में इन दिनों अजीबो-गरीब छाता बेच रहे हैं, जिसकी कीमत भारतीय मुद्रा में करीब सवा लाख रुपए है। यह छाता ऐसा है, जो धूप से बचाव तो कर सकता है, मगर बारिश से बचाने में यह सक्षम नहीं है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इन दोनों कंपनियों की इतने महंगे मगर यूजलेस छाता बेचने के लिए खूब बुराई कर रहे हैं।
वहीं, कंपनी का साफ-साफ कहना है कि यह छाता बारिश रोकने के लिए नहीं बनाया गया है, मगर यह धूप रोकने में सक्षम है और खास तौर से फैशन के मकसद से बाजार में उतारा गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीवो पर इसे 140 मिलियन बार देखा गया है। इस पोस्ट को ज्यादातर लोग निगेटिव फॉर्म में पोस्ट और शेयर कर रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि चीन में लोग एक छाता खरीदने के लिए सवा लाख रुपए क्यों खर्च करेंगे, वह भी तब जब यह बारिश को भी रोकने में सक्षम नहीं है।
कंपनी प्रबंधन ने कहा- यह छाता बारिश रोकने के लिए नहीं
बहरहाल, दोनों कंपनी प्रबंधन की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि यह छाता बारिश रोकने के लिए नहीं बनाया गया है बल्कि, इसे बनाने का उद्देश्य फैशन परपज और धूप से बचाव के लिए है। हालांकि, लोगों की नाराजगी भरी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब मीडिया समूहों ने इस बारे में दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, मगर वे उपलब्ध नहीं हुए।
समानता के नारे का मजाक बना रहे ऐसे ब्रांड
बहरहाल, चीन में लग्जरी ब्रांडों की मनमानी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई विवादास्पद मामले सामने आए हैं, जिसके बाद सरकार ने नागरिकों के हित में जांच बिठा दी है। इससे कई ब्रांड के शेयर भी गिरे, जिसके बाद चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीवो पर इसे 140 मिलियन बार देखा गया है और वहां इस पर लोग कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे उत्पाद आम लोगों के लिए नहीं है और यह जिनपिंग सरकार के आम लोग और समानता में विश्वास के नारे का मजाक उड़ाता है।
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