दुनियाभर में रैबिट आइलैंड के नाम से चर्चित है यह टापू, मशहूर हैं खरगोश से जुड़े रोचक किस्से

ओकुनोशिमा हिरोशिमा प्रीफेक्चर के बारे में, इस द्वीप को पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सन् 1929 और 1945 के बीच जापानी सैनिकों ने गुप्त रूप से करीब 6 हजार टन जहरीली गैस बनाई थी।

ट्रेंडिंग डेस्क. दुनिया में कुछ चीजें अजब होता है। ऐसे ही कुछ रहस्य आइलैंड्स (Mysterious Island) यानी द्वीपों पर भी छिपे हुए हैं. वैसे तो इस पूरी धरती पर हजारों आइलैंड हैं।  जो बेहद ही अनोखे और खूबसूरत हैं, जहां घूमने के लिए हर साल हजारों की संख्या में लोग जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही द्वीप के बारे में बताने जा रहे है जहां इंसान नहीं बल्कि खरगोश रहते हैं इसीलिए इस द्वीप को खरगोशों का द्वीप कहा जाता है। ये द्वीप है जापान के ओकुनोशिमा हिरोशिमा प्रीफेक्चर के टेकहारा में स्थित एक छोटे से द्वीप के बारे में। 

ओकुनोशिमा हिरोशिमा प्रीफेक्चर के बारे में, इस द्वीप को पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सन् 1929 और 1945 के बीच जापानी सैनिकों ने गुप्त रूप से करीब 6 हजार टन जहरीली गैस बनाई थी। उसी गैस को टेस्ट करने के लिए यहां खरगोशों को लाया गया था लेकिन समय के साथ यहां खरगोशों की संख्या बढ़ती रही और आज यहां उनकी संख्या हजारों में है।

Latest Videos

ऐसा भी कह जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस द्वीप को छोड़ दिया गया, तो रासायनिक हथियारों की प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए उपयोग किए जाने वाले खरगोशों को यहां छोड़ दिया गया। जापान की सरकार का कहना है कि उन खरगोशों को कारखानों के साथ नष्ट कर दिया गया था, उनका दावा है कि द्वीप पर मौजूद मौजूदा खरगोशों का परीक्षणों में इस्तेमाल किए गए खरगोशों से कोई लेना-देना नहीं है।

एक दूसरी कहानी के मुताबिक साल 1971 में कुछ स्कूली बच्चे इस आइलैंड पर अपने साथ 8 खरगोश लेकर आए थे और आज उन्हीं खरगोश की संख्या आज बढ़कर हजारों में पहुंच गई है। इस आईलैंड पर खरगोशों की संख्या बढ़ने की वजह उनका शिकार ना भी होना है।

बता दें कि इस द्वीप पर पाए जाने वाले खरगोशों के शिकार करने पर पाबंदी लगी हुई है. साथ ही इस द्वीप पर बिल्लियों और कुत्तों को भी ले जाने पर पाबंदी है. बता दें कि इस द्वीप में 1988 में एक संग्रहालय भी खोला गया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को जहरीली गैस के बारे में भयानक सच्चाई दिखाई जा सके. इस संग्रहालय में शरीर पर गैस के प्रभाव के बारे में विवरण प्राप्त करना संभव है, और प्रभावित लोगों पर भी पौधे, प्रयुक्त उपकरण आदि को देखना संभव है। 

इसे भी पढ़ें- इस बच्चे की मासूमियत देख आप भी हो जाएंगे इमोशनल, पटाखों की आवाज से कुत्ते को इस तरह बचाया

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी