बता दें कि लोकेशन सर्विस के लिए भारत की अमेरीकी सैटेलाइट्स पर निर्भरता भी रही है। एक दौर ऐसा भी था जब अमेरिका ने अपनी नैवीगेशन तकनीक का इस्तेमाल करने से भारत को मना कर दिया था।
ट्रेंडिंग डेस्क. भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने सोमवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक और नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। इस सैटेलाइट से देश की सेना को तो खासा फायदा होने वाला है ही, साथ ही आम जनता को भी इससे फायदा मिलेगा। आइए जानते हैं कैसे...
NVS-01 सैटेलाइट के फायदे
दरअसल, NVS-01 सैटेलाइट की मदद से देश का NavIC नेविगेशन सिस्टम और ज्यादा बेहतर और मजबूत बन जाएगा। जानकारी के मुताबिक नाविक सैटेलाइट्स हमारे डिफेंस सिस्टम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। ये हमारी सेनाओं को दुश्मनों की सटीक जानकारी देता है। वहीं इस सैटेलाइट के लॉन्च होने से अब नेविगेशन और ज्यादा मजबूत होगा।
आम आदमी को इस सैटेलाइट लॉन्च से ये फायदा
जिस तरक नैविगेशन सिस्टम के मजबूत होने का फायदा सेना को मिलेगा, ठीक उसी प्रकार आम जनता को भी इसका फायदा होगा। एक्सपर्ट्स की मानें तो NVS-01 सैटेलाइट से नेविगेशन सिस्टम मोबाइल यूजर्स को भी एकदम सटीक जानकारी देगा। यानी अब गूगल मैप्स से लेकर लोकेशन सर्विस इस्तेमाल करने वाली हर एप्लिकेशन पर आपकी सटीक लोकेशन देखने को मिलेगी। उदाहरण के तौर पर लोकेशन सर्विस इस्तेमाल करने वाली फूड डिलीवरी और ट्रैवलिंग एप्स पर भी एकदम सटीक लोकेशन मिलेगी और आपका समय भी बचेगा।
एक और सैटेलाइट लॉन्च की जरूरत क्यों पड़ी?
ISRO के प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने इस मौके पर मीडिया से कहा कि भारत के पास 7 नाविक सैटेलाइट्स थे। नाविक सैटेलाइट्स हमें जीपीएस सुविधा प्रदान करते हैं, इनमें से 4 ही ठीक से काम कर रहे हैं और 3 ने काम करना बंद कर दिया है। डॉ. सोमनाथ ने कहा कि खराब हो चुके तीनों सैटेलाइट्स को बदलने का सोचते तब तक 4 काम कर रहे सैटेलाइट भी खराब हो जाते। इसलिए हमने पांच नेक्स्ट जेनरेशन NAVIC सैटेलाइट्स NVS को छोड़ने की शुरुआत की और NVS-01 उनमें से एक है।
लोकेशन के मामले में भी आत्मनिर्भर भारत
बता दें कि लोकेशन सर्विस के लिए भारत की अमेरीकी सैटेलाइट्स पर निर्भरता भी रही है। एक दौर ऐसा भी था जब अमेरिका ने अपनी नेवीगेशन तकनीक का इस्तेमाल करने से भारत को मना कर दिया था। 1999 में कारगिल वॉर के दौरान भारत सरकार ने पाकिस्तानी सैनिकों की लोकेशन जानने के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी। तब अमेरिका ने जीपीएस की मदद देने से मना कर दिया था। अब NavIC सैटेलाइट्स की मदद से भारत की अमेरिका पर निर्भरता कम होगी और बॉर्डर सिक्योरिटी भी बेहतर होगी।
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