डॉक्टरों की दुनिया में 'हीरो' बना कश्मीर का सुपर सर्जन, इतने जटिल ऑपरेशन करता है कि लोग हैरान रह जाते हैं

कश्मीर के सुपर सर्जन डॉ. नूर उल ओवासे जिलानी फिर से दुनियाभर में उन जुड़वां बच्चों को अलग करने के लिए चर्चा में हैं, जिनका ब्रेन आपस में जुड़ा हुआ था। इसे दुनिया की सबसे जटिल सर्जरी में एक माना गया।

श्रीनगर. डॉक्टरों को भगवान यूं ही नहीं कहते! उनके पास वो हुनर होता है, जो इंसान की जिंदगी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होता। कश्मीर के सुपर सर्जन डॉ. नूर उल ओवासे जिलानी(Kashmir super surgeon, Dr Noor ul Owase Jeelani) फिर से दुनियाभर में उन जुड़वां बच्चों को अलग करने के लिए चर्चा में हैं, जिनका ब्रेन आपस में जुड़ा हुआ था। इसे दुनिया की सबसे जटिल सर्जरी में एक माना गया। यह ऑपरेशन पिछले दिनों ब्राजील में किया गया था। इस सक्सेस सर्जरी की न्यूज दुनियाभर के मीडिया में पब्लिश हुईं।

33 घंटे लगातार चली थी सर्जरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब 33 घंटे के लंबे ऑपरेशन में 7 प्रक्रियाओं की एक सीरिज शामिल थी। आखिरकार रियो डी जनेरियो के 3 वर्षीय जुड़वां बर्नार्डो और आर्थर लीमा(Bernardo and Arthur Lima ) को अलग कर दिया गया। लंदन के GOSH के डॉ. नूर उल ओवासे जिलानी ने जटिल ऑपरेशन में 100 सर्जनों, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों की बड़ी टीम का नेतृत्व किया। इस सर्जरी में जिलानी को डॉ. गेब्रियल मुफरेज(Dr Gabriel Mufarrej) ने हेल्प की, जो इंस्टीट्यूटो एस्टाडुअल डो सेरेब्रो पाउलो निमेयर( Instituto Estadual do Cerebro Paulo Niemeyer) में बाल चिकित्सा सर्जरी( paediatric) के प्रमुख हैं। यह अस्पताल था जो पिछले 30 महीनों से अधिक समय से जुड़वा बच्चों की देखभाल कर रहा था।

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सर्जरी की सफलता के बाद डॉ. जिलानी ने कहा, "बर्नार्डो और आर्थर को सेपरेट करना रियो में टीम द्वारा एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। यह एक शानदार उदाहरण है। हमने न केवल लड़कों और उनके परिवार के लिए एक नया भविष्य दिया है, बल्कि हमने भविष्य में फिर से इस तरह के जटिल कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए स्थानीय टीम को क्षमताओं और आत्मविश्वास से लैस किया है।"

हालांकि जन्म के सालभर के अंदर सेपरेट करना अधिक सही
हालांकि, जिलानी के नेतृत्व में GOSH की टीम का मानना ​​है कि दिमाग से जुड़े किसी भी सर्जिकल सेपरेशन जन्म के बाद पहले वर्ष में किया जाना आइडिल है। जिलानी ने कहा कि यह ऑपरेशन बेहद थका देने वाला था। जुड़वा बच्चों को अलग करने वाली आखिरी प्रक्रिया 17 घंटे तक की गई। डॉ. जिलानी ने कहा कि उन्होंने पानी और भोजन के लिए 15-15 मिनट के लिए केवल चार ब्रेक लिए। लेकिन ऑपरेशन समाप्त होने के बाद परिवार की खुशी देखना अद्भुत था।

बता दें कि पिछले एक दशक से भी कम समय में डॉ. जिलानी की GOSH टीम द्वारा अलग की गई खोपड़ी के साथ जुड़वा बच्चों का यह छठा ऑपरेशन है। इनमें नाइजीरिया, पाकिस्तान, तुर्की, इस्रियल और अब ब्राजील के जुड़वा बच्चों का एक समूह शामिल था। पहले के मामलों के विपरीत रियो जुड़वा बच्चों का ब्रेन जुड़ा हुआ था। इससे यह डॉ. जिलानी और उनकी टीम द्वारा अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण सर्जरी बन गई थी।

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