जानें आखिर क्या है Kavach System और देश की कितनी ट्रेनों में इसे लगाया गया, क्या इससे रोके जा सकते हैं बड़े ट्रेन हादसे?

रेलवे के मुताबिक कवच तकनीक हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करती है। इसके जरिए ये सिस्टम कम्युनिकेशन करता है। इसके काम करने के तीन मोड होते हैं।

ट्रेंडिंग डेस्क. ओडिशा के बालासोर में हुए भयानक ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) की वजह से भारतीय रेल का कवच सिस्टम (Kavach System) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। कवच तकनीक जिसे लेकर रेलवे ने बड़े दावे किए थे अब उसे लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं। रेलवे ने दावा किया था कि कवच सिस्टम से दो ट्रेनों को आपस में टकराने से रोका जा सकता है पर क्या ये सिस्टम हर ट्रेन में लगा है? आइए जानते हैं...

आखिर क्या है Kavach System?

Latest Videos

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर कवच सिस्टम है क्या? दरअसल, कुछ समय पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डेमो में दिखाया था कि कवच सिस्टम दो ट्रेनों को आपस में टकराने से रोकता है। यह एक ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम है, जिसे भारतीय रेलवे ने आरडीएसओ के माध्यम से डेवलप किया था।  2012 से काम कर रहे इस सिस्टम की मदद से ट्रेन सिग्‍नल जंप करते ही अपने आप रुक जाती है और एक ट्रेक पर करीब आ रही दो ट्रेनें भी सुरक्षित दूरी पर रुक जाती हैं।

भारत की कितनी ट्रेनों में लगा है Kavach System?

ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद विपक्ष लगातार कवच सिस्टम पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस का दावा है कि देश की सभी ट्रेनों में से केवल 2 प्रतिशत ट्रेनों में कवच सिस्टम लगा है। बता दें कि भारत में कुल 13 हजार 169 यात्री ट्रेनों रोज चलती हैं। वहीं दावा है कि कवच इनमें से महज 65 लोकोमोटिव, 1445 किलोमीटर के रूट और 134 स्टेशनों पर ही उपलब्ध है। 

जल्द ही पूरे देश के रेल रूट पर होगा कवच

रेलवे की मानें तो फिलहाल दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर (3,000 रूट किलोमीटर) पर कवच प्रणाली को लेकर तेजी से काम चल रहा है। वहीं हर साल 4 से 5 हजार किलोमीटर के रेल रूट पर कवच को एक्टिवेट किया जाएगा। देखते-देखते देश के पूरे रेल रूट में कवच तकनीक एक्टिव हो जाएगी।

कैसे काम करता है कवच?

रेलवे के मुताबिक कवच तकनीक हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करती है। इसके जरिए ये सिस्टम कम्युनिकेशन करता है। इसके काम करने के तीन मोड होते हैं। पहला सिग्नल ब्रेक, दूसरे हेड-ऑन टकराव और तीसरा रियर-एंड टकराव। इसके अलावा ब्रेक फेल होने की स्थिति में कवच ब्रेक को कंट्रोल में लेकर स्पीड नियंत्रित भी करता है। सिग्नल ब्रेक से लेकर एक ही ट्रेक पर दो ट्रेनों के आ जाने पर भी ये सुरक्षित दूरी पर ट्रेनों को रोक देता है। रेल मंत्री ने कुछ समय पहले खुद इसका डेमो लिया था। हालांकि, जिस रेल रूट पर ओडिशा हादसा हुआ, वहां कवच सिस्टम मौजूद नहीं था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भविष्य में ओडिशा जैसे बड़े रेल हादसे रोके जा सकते हैं?

अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स के लिए यहां क्लिक करें…

Share this article
click me!

Latest Videos

SDM थप्पड़कांड के बाद 10 धाराओं में दर्ज हुआ केस, हवालात में ऐसे कटी नरेश मीणा की रात । Deoli-Uniara
जमुई में हाथ जोड़कर आगे बढ़ रहे थे PM Modi फिर ये क्या बजाने लगे? झूमते दिखे लोग । PM Modi Jamui
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah
उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi