Dead Sea को लेकर सामने आई कई चौंकाने वाली बातें, दूसरे समुद्र से 10 गुना ज्यादा खारा होता है इसका पानी

अगर आप दुनिया घूमने की योजना बना रहे है तो आप डेड शी देखने जा सकते हैं, यह स्थान इराइजल और जॉर्डन और फिलीस्तीन में स्थिति है, अगर आप यहां जाते हैं। तो निश्चित तौर पर यह जगह आपको रोमांचित करेंगी।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2022 9:11 AM IST / Updated: Jan 19 2022, 02:49 PM IST

नई दिल्ली।  दुनिया में कई ऐसी अद्भुत चीजें हैं, जिनके बारे में आपको पता नहीं होता है, ऐसी ही एक रोमांचित करने वाले डेड सी (DEAD SEA ) के बारे में हम आपको आज बताने जा रहें है। इसे मृत सागर भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे बड़ी नमकीन झील है. जानकारों को कहना है कि डेड शी अब डेड होने के कगार पर है, ऐसे में इस सागर को लेकर कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। आपको बता दें कि डेड शी का पानी दुनिया के किसी भी समुद्र से 10 गुना खारा (saltier) होता है।  आइए जानते हैं कि डेड शी को ‘मृत’ क्यों कहते हैं? या फिर इसमें इतना अधिक नमक क्यों है..

कैसे हुआ इसका निर्माण
सदियों पहले एक खारे पानी का लैगून भूमध्य सागर से जुड़ा था। अफ्रीकी और अरब टेक्टोनिक प्लेटों की गति ने भूमि को मृत सागर और भूमध्यसागरीय गुलाब के बीच स्थानांतरित कर दिया। जिसके चलते मृत सागर को समुद्र का पानी मिलना बंद हो जाता है, इस प्रकार से मृत सागर का निर्माण होता है. हालांकि, इसमें जोर्डन नदी का पानी आकर गिरता है। 

मृत सागर की संरचना
यह पृथ्वी की सतह से करीब 1375 फुट या 400 मीटर गहरा है और समुद्री सतह से वह करीब 2400 फुट नीचे है। इसके जल में तकरीबन 33.7 प्रतिशत नमक है। देखा जाए तो यह एक बड़ी नमक की झील है। मृत सागर  48 मील लंबा और 11 मील चौड़ा है। यह तीन पर्वतमालाओं से घिरा है। इसका स्तर समुद्र की सतह से 400 मीटर  नीचे है। इसे दुनिया का सबसे निचला सागर भी कहा जता है। इसका पानी खारा होने के कारण इसे खारे पानी की सबसे निचली झील भी कहा जाता है,  डेड शी का पूर्वी तट जॉर्डन (Jordan) है तो दक्षिण पश्चिम तट इजराइल (Israel) है। 2007 में इसे विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया था। 

क्यों कहते हैं डेड शी?
मृत सागर को 'मृत' इसलिए कहा जाता है कि बहुत ज्यादा नमक की वजह से इसमें किसी भी प्राणी के जीवित रहना असंभव है। जलीय पौधों का इसमें पनप पाना भी बहुत मुश्किल होता है। ऐसा माना जाता है कि इसमें कुछ प्रकार के बैक्टीरिया और शैवाल ही पाए जाते हैं, लेकिन जहां एक तरफ यह सागर किसी जलीय जीव या पेड़ पौधों के अनुकूल नहीं हैं। यही कारण है कि इसके आस-पास भी पेड़ पौधे नहीं दिखाई पड़ते और इसी वजह से इसे 'मृत सागर' कहा जाता है।  हालांकि इसमें नदियों से, वर्षा से ताजा पानी आता रहता है, लेकिन यहां का वातावरण और हवा काफी  शुष्क है। पूरे साल तापमान गर्म रहता है। इस कारण वाष्पीकरण तेज होने के कारण इसका पानी हर साल एक मीटर से अधिक कम हो जाता है और झील की लवणता बढ़ती जाती है।

कई गुना अधिक नमक
मृत सागर में अन्य समुद्र की तुलना में 10 गुना अधिक नमक होता है। यहां तक ​​कि मृत सागर में शामिल होने वाला जॉर्डन नदी का मीठा पानी भी उस पर कोई प्रभाव नहीं करता।

डेड शी के नकम का नहीं कर सकते उपयोग
मृत सागर का पानी खारा ही नहीं है, इसमें पोटाश, ब्रोमाइड, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक, सल्फर जैसे खनिज लवण भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। इसकी वजह से न तो यह पानी पीने लायक होता है, न इसमें मौजूद नमक का उपयोग किया जा सकता। 

एक ऐसा समंदर जहाँ आप डूबेंगे नहीं 
यह दुनिया का पहला ऐसा सागर है, जहां पर आप डूबेंगे नहीं, क्योंकि इसका घनत्व इतना ज़्यादा है कि अगर कोई व्यक्ति इस सागर में सीधे लेट जाये तो वो व्यक्ति डूबेगा नहीं और बिना किसी डर के आसानी से तैर सकेगा। पानी के किनारे पर चट्टानें और रेत झिलमिलाती दिखाई देती है। इसका आनंद लेन भारी तादत में पर्यटक आते हैं और  शी का लुफ्त उठाते हैं, शैलानी डेड शी में धूप का लुफ्त लेने से पहले अपने शरीर पर डेड सी मिट्टी (मड) लगाते हैं, ताकि उनके शरीर को मिट्टी में मौजूद हयालूरोनिक एसिड और अन्य खनिज मिल सके।

दवाओं में होता है इस्तेमाल
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भले ही इस सागर में कोई जलीय जीव नहीं पनप पाता, पर इसका जल कई औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे कई लाइलाज रोगों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। वैज्ञानिकों ने भी यह साबित कर दिया है कि यहां मिलने वाला नमक और खनिज लवण हमारे लिए मूल्यवान हो सकते हैं। इसी के चलते आज मृत सागर, एशिया के मेडिकल टूरिज्म के रूप में आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है। मृत सागर के पानी के किनारे की काली मिट्टी और नमक से यहां विभिन्न स्पा और मड-थेरेपी के जरिये इलाज किया जाता है। 

टूरिज्म का आकर्षक केंद्र बना 
आज मृत सागर एशिया के मेडिकल टूरिज्म के रूप में आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। इसके निकट पर्यटन केंद्र और स्वास्थ्य केंद्र भी खोले गए हैं और इस सागर के किनारे की काली मिट्टी और नमक से मड थेरेपी और कई तरह के स्पा के जरिये भी इलाज किया जाने लगा है। 

यह समुद्र नहीं है
मृत सागर को यूं तो समुद्र कहा जाता है, लेकिन तकनीकी रूप से यह एक खारे पानी की एक झील है जिसमें जोर्डन नदी का पानी भी आकर गिरता है। 

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