अंधेरा होते ही आखिर क्यों इस जगह नहीं रूक सकता कोई, अब तक नहीं सुलझा इसका रहस्य

निधिवन से जुड़े कई रहस्य हैं, जो आज भी अनसुलझे हैं। अंधेरा होते ही यहां से सभी जीव-जंतु चले जाते हैं। सुबह सात ताले में बंद प्रसाद जूठा मिलता है। दावा किया जाता है कि रात में यहां भगवान श्रीकृष्ण आते हैं और रासलीला रचाते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 14, 2022 1:20 PM IST

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृन्दावन, जहां भगवान श्रीकृष्ण के कई मंदिर हैं। इसी धार्मिक नगरी में एक जगह है निधिवन, जो बेहद पवित्र, धार्मिक और रहस्यमयी जगह मानी जाती है। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी आज भी रास रचाते हैं। इसके बाद निधिवन परिसर में स्थापित रंग महल है, जहां वे शयन करते हैं। रात में मंदिर में रखा प्रसाद जूठा किया हुआ मिलता है। पान चबाया हुआ मिलता है, जबकि यह सब सात तालों में बंद होता है। अंदर जाने की अनुमति किसी को नहीं होती। 

रंग महल में पलंग लगा होता है। सुबह बिस्तर देखने पर लगता है, जैसे इस पर कोई विश्राम करके गया है। यह मंदिर परिसर लगभग ढाई एकड़ में फैला है। यहां के बारे में बताया जाता है कि परिसर में 16 हजार वृक्ष हैं। इनके तने सीधे नहीं हैं और ये एकदूसरे से जुड़े हुए मिलेंगे। दावा यह भी किया जाता है कि इस परिसर में संगीत सम्राट श्री स्वामी हरिदास जी की जीवित समाधि है। इसके अलावा, बांके बिहारी का प्राकट्य स्थल और रंग महल समेत कई दर्शनीय स्थल हैं। 

रात में जो रूका, सुबह वह उन्मादी और अंधा हो जाता है 
यहां जब कोई घूमने जाता है तो पुजारी, गाइड या मंदिर प्रशासन से जुड़े लोग दावा करते हैं कि अंधेरा होते ही यहां से लोग चले जाते हैं। कोई भी जीव-जंतु यहां नहीं मिलेगा। पूरा परिसर खाली हो जाता है। ऐसा दावा किया जाता है कि यदि कोई रात में रूककर श्रीकृष्ण की रास लीला देख भी ले, तो वह पागल, उन्मादी, अंधा, गूंगा और बहरा हो जाता है। दावा किया जाता है कि उसकी ऐसी हालत इसलिए हो जाती है, क्योंकि वह किसी को भी रात के दृश्य के बारे में बता नहीं सके। 

दावे अलग-अलग मगर मूल कारण आज तक पता नहीं 
सुबह साढ़े पांच बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं। ये सात ताले में बंद होते हैं। पंडित-पुजारियों का दावा है कि मंदिर परिसर में शयन कक्ष में रखे पलंग पर सामान सुबह बेतरतीब मिलता है, जैसे कोई इस पर विश्राम करके गया हो। हालांकि, बहुत से लोग इसको लेकर अलग-अलग दावे करते हैं मगर मूल कारण कोई भी नहीं बता पाया। हालांकि, यहां बहुत से घर बन गए हैं और उनकी ऊंचाई इतनी है कि लोग आराम से निधिवन में देख सकते हैं। मदर दावा किया जाता है कि रात में कोई भी इस तरफ मुंह नहीं करता और इस तरफ खुलने वाली खिड़कियां और दरवाजे अंधेरा होते ही बंद कर दिए जाते हैं। 

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