Mission Moon: क्या आप भी खरीदना चाह रहे 'चांद का टुकड़ा', जानें कौन बेच रहा चंद्रमा पर जमीन- कैसे होगी रजिस्ट्री?

जब से चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लांच (Chandrayaan-3 Launched) किया गया है, तभी से सोशल मीडिया पर एक और चर्चा तेजी से चल पड़ी है कि आखिर चंद्रमा पर कोई जमीन खरीद सकता है या नहीं।

 

Mission Moon. आपने अक्सर सुना होगा कि किसी बिजनेसमैन या सेलिब्रिटी ने चंद्रमा पर जमीन का एक टुकड़ा खरीद लिया है। यह भी सुनाई देता है कि फलाना आदमी तो मंगल ग्रह पर बसने की तैयारी कर रहा है। यह चर्चा भी होती है कि इस देश का जहाज लोगों को चंद्रमा और मंगल ग्रह की सैर कराने के लिए इतने रुपए वसूलेगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या वास्तव में सच है? क्या वाकई कोई इंसान चांद पर जमीन खरीद सकता है। ऐसा है तो चंद्रमा की जमीन का मालिक कौन है और कैसे इसकी रजिस्ट्री होती है। हम आपके हर सवाल का जवाब दे रहे हैं।

शाहरूख खान खरीद चुके हैं चांद का टुकड़ा

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रिपोर्ट्स की मानें तो बॉलीवुड के दिवगंत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी चांद पर जमीन खरीदी थी। बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरूख के पास भी चांद पर जमीन का एक टुकड़ा है। यह उन्हें ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले एक फैन ने बतौर गिफ्ट दिया था। Lunarregistry.com नाम की एक वेबसाइट भी जिस पर चांद पर 1 एकड़ी जमीन का कीमत सिर्फ और सिर्फ 3705 रुपए के आसपास है। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि क्यों न दो-चार एकड़ जमीन चांद पर ही खरीद लिया जाए।

होती है चांद पर जमीन की रजिस्ट्री लेकिन आप मालिक नहीं बनेंगे

लूनार रजिस्ट्री डॉट कॉम वेबसाइट यह दावा करता है कि इसके पास चांद पर जमीन की रजिस्ट्री का अधिकार है लेकिन वेबसाइट यह भी बताती है कि चांद की जमीन का मालिक कोई नहीं है। वह सिर्फ रजिस्ट्री करवा सकती है। मतलब जमीन आपके नाम तो हो जाएगी लेकिन मालिक आप नहीं होंगे। कुछ एजेंसियां इसे गोरखधंधा भी बताती हैं। डॉ जिल स्टुअर्ट ने अपनी पुस्तक द मून एग्जीबिशन बुक में लिखा है कि चांद पर जमीन खरीदना और गिफ्ट करना फैशन बन चुका है लेकिन किसी भी देश का चांद पर हक नहीं है। यह पूरी तरह से गोरखधंधा है और करोड़ों डॉलर का खेल चल रहा है।

क्या है चंद्रमा पर मालिकाना हक की मौजूदा स्थिति

ऑउटर स्पेस ट्रीटी 1967 के अनुसार स्पेस में या फिर चांद जैसे किसी भी ग्रह पर किसी एक देश या व्यक्ति का अधिकार नहीं है। चांद पर कोई भी देश पहुंचकर झंडा लगा सकता है लेकिन यह उसे मालिक नहीं बनाता है। अब तक इस ट्रीटी से करीब 109 देश जुड़ चुके हैं और 23 ने हस्ताक्षर किए हैं। अब सवाल उठता है कि जब चांद का कोई मालिक ही नहीं तो चंद्रमा की जमीन खरीदने-बेचने का क्या मतलब है।

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