बेटी को पिता या बहन को भाई पसंद आ जाए, तो फिजिकल रिलेशन बनाने से नहीं हिचकते, चर्चा में हैं ये विचित्र लोग

इंडोनेशिया के गोरोन्तालो में रहने वाली पोलाही जनजाति लंबे समय से रिसर्च का विषय बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों में इसे लेकर दुनियाभर के मीडिया में खबरें आईं। ये खबरें इन पर हुईं रिसर्च के बाद वायरल हुईं।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 30, 2022 7:56 AM IST

ट्रेंडिंग न्यूज. इंडोनेशिया के गोरोन्तालो में रहने वाली पोलाही जनजाति लंबे समय से रिसर्च का विषय बनी हुई है। पिछले कुछ दिनों में इसे लेकर दुनियाभर के मीडिया में खबरें आईं। ये खबरें इन पर हुईं रिसर्च के बाद वायरल हुईं। गोरोन्तालो प्रांत(Gorontalo Province) की राजधानी और एक सिटी है गोरोन्तालो। पोलाही जनजाति यही माउंटेन में गहरे और घने जंगलों में रहती है। इस जनजाति की शादियां रिसर्च का मुद्दा हैं। पोलाही में भाई-बहन, मां-बेटोंऔर पिता-बेटियों के साथ भी फिजिकल रिलेशन बनते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि इस तरह के रिश्ते से जन्मे बच्चों में मेंटल और फिजिकल डिसऑर्डर का खतरा होता है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस जनजाति में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। पढ़िए कुछ दिलचस्प फैक्ट्स...

रिश्तेदारी में फिजिकल रिलेशन से यह खतरा
रिश्तेदारी में फिजिकल रिलेशन (Incest) दुनिया के अधिकांश समाज और जनजाति में वर्जित व्यवहार(taboo behavior) है। इसे रोकने कई देशों में कानून तक हैं। दरअसल, माना जाता है कि ब्लड रिलेशन या रिश्तेदारी में फिजिकल रिलेशन से जन्मे बच्चे में मेंटल और फिजिकल दोनों तरह के विकार यानि जन्मजात बीमारियां हो सकती हैं। कुछ समय पहले एक एक स्टडी से पता चला था कि करीबी रिश्तेदारों से सेक्सुअल रिलेशन बनाने वालों से जन्मे बच्चे में जन्म दोष विकसित(birth defects) होने का खतरा बढ़ जाता है। यानी करीबी रिश्तेदारों या अनाचार से पैदा हुए बच्चे बड़े होकर अक्सर मनोवैज्ञानिक स्थितियों(psychological conditions) से पीड़ित होते हैं। जैसे कि सामाजिकता में कठिनाई( difficulty socializing), आत्मसम्मान मे कमी(low self-esteem), मानसिक विकार(psychotic disorders), अवसाद( depression), किसी हादसे को लेकर तनाव विकार( post-traumatic stress disorder) और सीमा रेखा व्यक्तित्व(borderline personality) यानी मानसिक बीमारी जो किसी व्यक्ति की भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। लेकिन आपको यह जानकार ताज्जुब होगा कि इस जनजाति में ऐसा कुछ नहीं दिखा। 

इस वजह से रहते हैं तंदुरुस्त
पोलाही जनजाति जंगली सूअर, हिरण और सांप का शिकार करते हैं। कहा जाता है कि वे रोज भोजन में पत्तियों, कंदों और जड़ वाली फसलों(tubers and root crops) का भी सेवन करते हैं। अगर उन्हे कुछ पकाना होता है, तो बांस की डंडियों को कंटेनर की तरह इस्तेमाल करते हैं। इनका भोजन बिना किसी मसालों(seasoning  spices) के 100% ऑरिनल होता है। यानी भोजन में  हल्दी, धनिया, मिर्च, जीरा, लौंग, इलायची, काली मिर्च, नमक आदि का इस्तेमाल नहीं करते। वजह, ये लोग मसालों से परिचित नहीं हैं। यह भी एक बड़ी वजह मानी जाती है कि दूषित खान-पान से दूर रहने से भी इनकी सेहत अच्छी रहती है। क्लिक करके विस्तार से पढ़ें

कुछ आदतों बड़ी अजीब हैं
पोलाही जनजाति लंगोट के रूप में लकड़ी के बड़े पत्तों(wood biscuits) को रस्सी से बांधकर उपयोग करते हैं। महिलाएं भी इसी तरह के लंगोट पहनती हैं। पोलाही महिलाएं ब्रेस्टप्लेट यानी ब्रा(breastplate aka Bra) से फैमिलियर नहीं हैं। इसलिए ये महिलाएं अर्धनग्न(half naked) हैं। ये लिंग को ढंकने कोटेका (Koteka) या होराम लिंक गार्ड(horim or penis gourd) कहते हैं। इसे लिंग म्यान भी कहते हैं, जिसे पुरुष अपने लिंग( penises) को ढंकने के लिए पहनते हैं।  क्लिक करके विस्तार से पढ़ें


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