पिछले दिनों वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर ये बहस शरू हुई। इस रिपोर्ट को नाम दिया गया था ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स : 2023’ ।
वायरल डेस्क. आज नेशनल टेक्नोलॉजी डे (National Technology Day) यानी राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी दिवस है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हम लगातार तरक्की कर रहे हैं। अब हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाने लगा है पर तकनीकी विकास की इस दौड़ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े खतरों ने भी चिंता बढ़ा दी है। अब इस बात पर बहस छिड़ चुकी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भविष्य में फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो सकता है। आइए जानते हैं क्यो...
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट
पिछले दिनों वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर ये बहस शरू हुई। इस रिपोर्ट को नाम दिया गया था ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स : 2023’ । रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे अगले पांच सालों में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नोलॉजी मिलकर लाखों लोगों की नौकरी खा जाएगी। दावा किया गया कि इस तरह से एआई का इस्तेमाल किया गया तो आने वाले पांच सालों में लगभग 8 करोड़ से ज्यादा लोग अपनी नौकरियां गवां देंगे।
AI से इन नौकरियों को ज्यादा खतरा
रिपोर्ट में आगे कहा गया है एआई (Artificial Intelligence) की वजह से सबसे ज्यादा एडमिन, एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी, कैशियर, डाक सेवा क्लर्क, डाटा एंट्री ऑपरेटर, टिकट क्लर्क, बैंककर्मी और अन्य टेक्निकली पदों पर काम कर रहे लोगों की नौकरियां जाएंगी। इन सभी पदों के विकल्प के रूप में एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
AI की वजह से पैदा होंगी कम नौकरियां
Artificial Intelligence की वजह से डाटा प्रॉसेसिंग, रीडिंग, राइटिंग, मैथ, सेंसरी प्रोसेसिंग, ट्रांसलेशन जैसे क्षेत्रों में नौकरियां घटने की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले सालों में क्रिएटिव थिंकिंग, एनालिटिकल थिंकिंग, टेक्नोलॉजिकल लिटरेसी जैसे क्षेत्रों में महज 6.9 करोड़ नौकरियां ही पैदा होंगी, जबकि इससे ज्यादा नौकरियां जाएंगी। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पैदा होने वाले खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।