स्वर्ग जैसा देश क्या वाकई में नर्क है? रात 8.30 बजे के बाद छा जाता है सन्नाटा

एक रेडिट यूज़र ने न्यूज़ीलैंड में रहने के अपने बुरे अनुभव साझा किए हैं, महंगाई, अलगाव और खराब स्वास्थ्य सेवाओं जैसी समस्याओं का ज़िक्र किया है। क्या न्यूज़ीलैंड वाकई उतना अच्छा है जितना दिखता है?

आजकल बहुत से भारतीय विदेश जाकर बसना चाहते हैं। कई देश उनके मन में होते हैं। लेकिन, न्यूज़ीलैंड जाने की चाह रखने वालों के लिए एक रेडिट यूज़र ने कुछ चेतावनियाँ दी हैं। सालों से न्यूज़ीलैंड में रह रहा एक व्यक्ति अपने अनुभव के आधार पर बता रहा है कि न्यूज़ीलैंड में रहने में क्या-क्या दिक्कतें आती हैं। पोस्ट लिखने वाला वहाँ पैदा नहीं हुआ, लेकिन कई सालों से न्यूज़ीलैंड में रह रहा है। न्यूज़ीलैंड के भूगोल से लेकर, घर के किराये तक, कई चीज़ों के बारे में पोस्ट में बताया गया है। 

पोस्ट में एक खास बात कही गई है कि न्यूज़ीलैंड एक अलग-थलग देश है। इसलिए वहाँ कई मुश्किलें हैं। शिपिंग महंगी होने के कारण, वहाँ चीज़ें बहुत महंगी हैं। सिर्फ़ लग्ज़री चीज़ें ही नहीं, रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ें भी बहुत महंगी हैं। सिर्फ़ 50 लाख की आबादी वाला न्यूज़ीलैंड बिज़नेस के नज़रिए से एक छोटा बाज़ार है। इसलिए कुछ बड़े ब्रांड वहाँ से अपना कारोबार समेट रहे हैं। उदाहरण के लिए, Nike ने अपना ऑनलाइन स्टोर बंद कर दिया है। 

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सुंदर नज़ारे होने के बावजूद, पोस्ट लिखने वाले के मुताबिक न्यूज़ीलैंड में ज़्यादा रौनक नहीं है। रात 8.30 बजे तक कई जगहें सुनसान हो जाती हैं। यही नहीं, वहाँ इलाज करवाना बहुत मुश्किल और महंगा है। डॉक्टर का अपॉइंटमेंट मिलने में भी महीनों लग जाते हैं। घर का किराया भी बहुत ज़्यादा है, दुनिया में सबसे ज़्यादा किराये वाली जगहों में से एक। मौसम भी खराब रहता है। साथ ही, इस रेडिट यूज़र के अनुसार, भारतीयों को वहाँ दोस्त और पार्टनर ढूँढ़ने में भी बहुत दिक्कत होती है। 

कई लोगों ने पोस्ट पर कमेंट किए। न्यूज़ीलैंड में रह चुके कुछ लोगों ने कहा कि पोस्ट में बताई गई बातें सच हैं। लेकिन, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि सिर्फ़ न्यूज़ीलैंड ही नहीं, दूसरे देशों में भी भारतीयों के लिए ऐसी ही स्थिति है और यहाँ बताई गई कुछ बातें तो ज़्यादातर देशों में होती हैं।

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