नोएडा पुलिस (Noida police) ने फर्जी कस्टमर केयर सपोर्ट (Fake Customer care support center) चलाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग में शामिल पांचवी पास लईक और पीजीडीसीए पास रियाज जामताड़ा गिरोह (Jamtara gang) के सदस्य मामा की मदद से लोगों के अकाउंट पलक झपकते खाली कर देते थे।
नई दिल्ली। ठगी करने वाले कितने शातिर हो सकते हैं, इसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते। आप यह सोच कर फोन पर बात कर रहे हैं कि आपने संबंधित कंपनी के कस्टमर केयर (Customer Care Center) पर फोन लगाया है, मगर आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि कस्टमर केयर नंबर (Customer care number) भी अब फर्जी हो गए हैं और यहीं से आपके ठगी की शुरुआत हो जाती है।
दरअसल, आज लगभग हर छोटी-बड़ी कंपनी अपने उत्पादों की बेहतर सेवाओं के लिए कस्टमर सपोर्ट मुहैया कराती है। कंपनी उत्पाद से जुड़ी कोई दिक्कत होती है, तो आप तत्काल कस्टमर सपोर्ट का नंबर खोजते हैं। मगर लुट जाने के बाद आपको पता चलता है कि यह नंबर कंपनी का नहीं एक ठगी करने वाले गैंग का था। जीं हां, नोएडा से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। एशियानेट हिंदी ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए जागरुकता अभियान चला रहा है। इस कड़ी में आज हम आपको यूपी में बैंक कस्टमर केयर के टोल फ्री नंबर के जरिए हो रही धोखाधड़ी के बारे में बता रहे हैं। पुलिस के अनुसार, ये आरोपी बीते चार साल में डेढ़ सौ से अधिक लोगों से 35 लाख रुपए तक ठग चुके हैं। नोएडा पुलिस ने शनिवार को इनके पास से 10 डेबिट कार्ड और तीन मोबाइल फोन बरामद किया है।
नोएडा पुलिस ने किया फर्जी गैंग का पर्दाफाश
नोएडा सेक्टर 36 साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गूगल पर बैंक कस्टमर केयर के फर्जी टोल फ्री नंबर अपलोड कर उनके जरिए बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने वाले फर्जी गैंग काा पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मेरठ से दो लोगों, जिनके नाम रियाज अहमद और लईक अहमद हैं, को गिरफ्तार किया है। दोनों यूपी के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं।
मोबाइल सिम फेक आइडेंटिटी कार्ड से खरीदा जाता
साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव के मुताबिक, गैंग के लोग फेक आइडेंटिटी कार्ड से मोबाइल सिम खरीदते थे और इस नंबर को गूगल पर बैंक के कस्टमर केयर नाम से डालकर ठगी करते थे। ये फोन करने वालों को बहला-फुसलाकर ऐप डाउनलोड कराते थे और इससे संबंधित व्यक्ति का मोबाइल फोन हैक कर लेते थे। थोड़ी देर बाद उसका बैंक अकाउंट खाली कर देते थे। यह पूरी कार्रवाई गाजियाबाद के रहने वाले स्टीफन थॉमस की शिकायत के बाद हुई।
बेटी ने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर लिया, जो ठग का निकला
थॉमस ने अपनी शिकायत में बताया था कि उनकी बेटी ने बैंक की नेट बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए गूगल से कस्टमर केयर नंबर लिया। बेटी को पता नहीं था कि जिस नंबर पर बात हो रही है, वह फर्जी है। दूसरी तरफ से ठग ने कस्टमर केयर ऑफिसर बनकर फोन में क्विव सपोर्ट ऐप डाउनलोड कराया। यह ऐप डाउनलोड होते ही फोन हैक हो गया और आरोपियों ने 5 लाख 97 हजार रुपए निकाल लिए। पुलिस ने जामताड़ा गिरोह के दो शातिर अपराधियों को मेरठ से गिरफ्तार किया।
मामा ने लईक और रियाज को भी गैंग में शामिल किया
पुलिस के अनुसार, बिजनौर का रहने वाला पांचवी पास आरोपी लईक चार साल पहले काम की तलाश में मुंबई गया था। वहां, झारखंड के रहने वाले किसी मामा नाम के शख्स से इसकी मुलाकात हुई। यह शख्स झारखंड के जामताड़ा गिरोह का शातिर ठग है। लईक ने इससे दोस्ती के बाद ठगी की ट्रेनिंग ली। मामा ने लईक को बताया कि बैंक खाते का डाटा, कॉलिंग और ठगी में कौन सा ऐप इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद लईक ने कंप्यूटर में पीजीडीसीए कर चुके अपने दोस्त रियाज की मदद ली और मामा के साथ मिलकर ठगी करने लगे। चार साल में उन्होंने करीब 35 लाख रुपए की ठगी की। यह रकम डेढ़ सौ लोगों को निशाना बनाकर लूटी गई।
कस्टमर सपोर्ट के नाम पर कई ठग गूगल पर अपना नंबर दिए हुए हैं
दरअसल, यह पहली बार नहीं है। साइबर ठगों ने पहले से इंटरनेट पर विभिन्न कंपनी खासकर बैंकों के कस्टमर सपोर्ट नंबर के नाम पर अपना नंबर डाला हुआ है। लोग इन फर्जी नंबर को कस्टमर केयर का नंबर समझकर इन पर फोन करते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, डिजिटल पेमेंट वाले ऐप जैसे- गूगल पे, फोन पे, पेटीएम के फर्जी कस्टमर सपोर्ट नंबर गूगल पर सबसे ज्यादा मिल जाएंगे।
वालेट ऐप का नोटिफिकेशन ऑन रखें
इन दिनों डिजिटल इंडिया के तहत वालेट पेमेंट ऐप- गूगल पे, पेटीएम या फोन पे पर मनी रिक्वेस्ट फेसिलिटी एविलेबल है। पेमेंट करने के लिए लोग आपको रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। बस एक क्लिक और आपकाा पैसा दूसरे के अकाउंट में चला जाएगा। वालेट ऐप पर नोटिफिकेशन ऑन रखिए। कोई भी आपके ऐप में लॉगिन करने आएगा तो आपको नोटिफिकेशन जरूर आएगा। आप उस समय इसे तुरंत रोक सकते हैं।
लेनदेन के बाद सिस्टम से कुकीज जरूर मिटा दें
यही नहीं, अब ब्राउजर पर पेमेंट करते हैं तो कंप्यूटर या लैपटाप कुकीज इनेबल करने के बारे में पूछता है। आप इसके बिना पेमेंट नहीं कर सकते। ऐसा करते ही डाटा कोड वर्ड में उस ब्राउजर के सर्वर पर चला जाता है। लेनदेन के बाद कुकीज जरूर मिटा दें वरना अंतरराष्ट्रीय हैकर इसे रीड कर लेंगे। अगर आपके साथ ठगी हो गई है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। अपने बैंक को बताइए और साइबर क्राइम पर शिकायत दर्ज कराइए।
फेक कस्टमर केयर से लुटने से बचना है तो ये भी जरूर करें
- हमेशा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही कस्टरमर केयर नंबर लें।
- कभी भी फोन पर किसी को पर्सनल जानकारी नहीं दें।
- अंतिम लेनदेन का विवरण या ब्योरा कभी भी नहीं बताएं।
- जिस नंबर पर बात करने जा रहे हैं, उसका ऑनलाइन रिव्यू जरूर देख लें।