बेंगलुरु. दिल्ली जैसे भारतीय शहरों में हर दिन ऑफिस जाने वाले लोग अक्सर Uber जैसी ऑनलाइन टैक्सी सेवाओं पर निर्भर रहते हैं। आसानी से और तेज़ी से ऑनलाइन टैक्सी सेवाएं उपलब्ध होने के कारण ये सेवाएं लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि, कई बार ऐसी खबरें भी आती रही हैं जहाँ इन सेवा प्रदाताओं द्वारा ग्राहकों का शोषण करने की कोशिश की जाती है। ऐसी ही एक घटना का अनुभव हाल ही में एक यात्री ने लिंक्डइन पर शेयर किया जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
सूर्या पांडे नामक व्यक्ति ने अपना अनुभव शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि अगर उन्होंने स्टॉक मार्केट की जगह Uber के बढ़ते दामों में निवेश किया होता, तो आज वह हर्षद मेहता को भी पीछे छोड़ देते। इसके साथ ही उन्होंने 1.8 किलोमीटर की दूरी के लिए Uber द्वारा मांगे गए ₹699 के बिल का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया।
सूर्या ने आरोप लगाया कि Uber, Rapido, Ola जैसी कंपनियां आम टैक्सियों द्वारा वसूले जाने वाले अत्यधिक किराए के विकल्प के तौर पर शुरू हुई थीं, लेकिन सिर्फ तीन मानसून के बाद ही ये कंपनियां एक सवारी के लिए 300% अधिक किराया वसूल रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने लिखा कि आपको कम से कम तीन घंटे इंतजार भी करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब आम आदमी के लिए इनका शोषण सहना मुश्किल हो गया है। यह सोशल मीडिया पोस्ट बहुत तेजी से वायरल हो गया। राज्य भर में काम करने वाले पेशेवरों ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। कई लोगों ने अपने साथ हुए ऐसे ही अनुभव साझा किए।