कुछ देश रूस का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ देश यूक्रेन की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। वहीं, कुछ देश अभी भी तटस्थ हैं। सोमवार को बेलारूस ने रूस का साथ देने की घोषणा की है।
ट्रेंडिंग डेस्क. रूस और यूक्रेन (Russia Ukraine conflict) के बीच युद्ध का पांचवा दिन है। रूस ने यूक्रेन के दो शहरों (बेर्दयांस्क और एनेरहोदार) पर कब्जा कर लिया है। वहीं, राजधानी कीव में कब्जे के लिए रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ रही है। रूस और यूक्रेन के युद्ध में दुनिया दो भागों में बांटी हुई नजर आ रही है। कुछ देश रूस का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ देश यूक्रेन की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। वहीं, कुछ देश अभी भी तटस्थ हैं। सोमवार को बेलारूस ने रूस का साथ देने की घोषणा की है। बेलारूस, रूस के समर्थन में यूक्रेन में सैनिकों को भेजने की तैयारी कर रहा है। आइए जानते हैं दुनिया के प्रमुख देशों की इस युद्ध को लेकर क्या प्रतिक्रिया है और कौन सा देश किसके साथ है।
रूस-यूक्रेन संकट पर क्यों तटस्थ है भारत?
इस मसले पर भारत अकेला ऐसा देश है, जिसने तटस्थ रुख अपना रखा है। दरअसल, अमेरिका और रूस दोनों देशों से भारत के रिश्ते काफी अच्छे हैं। भारत की जीडीपी का 40 फीसदी हिस्सा फॉरेन ट्रेड से आता है। 1990 के दौर में यह आंकड़ा करीब 15 फीसदी था। भारत का अधिकतर कारोबार अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों के अलावा मिडिल ईस्ट से होता है। भारत हर साल पश्चिमी देशों से करीब 350-400 बिलियन डॉलर का कारोबार करता है। वहीं, रूस और भारत के बीच भी 10 से 12 बिलियन डॉलर का कारोबार है।
रूस के समर्थन में कौन-कौन से देश
रूस के समर्थन में सबसे पहले क्यूबा आया। क्यूबा में जंग के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में नाटो के विस्तार को लेकर अमेरिका की आलोचना की थी और कहा था कि दोनों देशों को वैश्विक शांति के लिए कूटनीतिक तरीके से इस मसले का हल निकालना चाहिए। चीन भी रूस का समर्थन कर रहा है। चीन ने पहले ही कहा था कि नाटो यूक्रेन में मनमानी कर रहा है।
इन देशों के अलावा कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और बेलारूस भी रूस का साथ दे रहे हैं। इन देशों का रूस के साथ होने का सबसे बड़ा कारण है कि इन छह देशों के सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका मतलब है कि अगर रूस पर किसी देश द्वारा हमला किया जाता है तो ये देश भी रूस की मदद में आगे आएंगे और रूस पर हुए हमले को खुद पर भी हमला मानेंगे।
ईरान भी करेगा रूस का समर्थन
मिडिल ईस्ट में ईरान रूस का साथ दे सकता है। दरअसल रूस लगातार ईरान को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगा हुआ है। दोनों देशों के रिश्ते में न्यूक्लियर डील असफल होने के बाद से दूरी बन गई थी। वहीं उत्तर कोरिया भी रूस का साथ दे सकता है।
यूक्रेन के साथ कौन-कौन से देश
यूरोपियन देश बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, ब्रिटेन और अमेरिका पूरी तरह यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। जर्मनी और फ्रांस भी यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। कई देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध भी लगाना शुरू कर दिया है।
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