'पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है' बस इतना कहने पर इस महान वैज्ञानिक को दी गई थी कठोर सजा, घोषित कर दिया गया था धर्म विरोधी

आज इस सच को बच्चा-बच्चा जानता है कि सौर्यमंडल में हर गृह सूर्य की परिक्रमा करता है पर उस दौर में गैलीलियो का विरोध करने वाले रोम के रूढ़ीवादी लोगों का ये मत था कि पृथ्वी स्थिर है।

Piyush Singh Rajput | Published : Feb 12, 2023 6:02 PM IST / Updated: Feb 13 2023, 01:10 PM IST

वायरल डेस्क. धरती और जीवन की उत्पत्ति को लेकर दुनियाभर के साइंटिस्ट्स हर दिन कड़ी मेहनत करके इसके रहस्य जानने की कोशिश करते रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही महान वैज्ञानिक की कहानी बता रहे हैं, जिन्हें धरती से जुड़ी एक सबसे बड़ी खोज के लिए तोहफे में सजा दी गई थी। इस वैज्ञानिक की गलती सिर्फ इतनी थी कि इन्होंने दुनिया के सामने ये सच लाया था कि पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है।

अंतरिक्ष के कई राजों से उठाया था पर्दा

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ये महान वैज्ञानिक थे गैलीलियो गैलिली (Galileo Galilei)। 16वीं शताब्दी में जैसे ही इटली के इस महान वैज्ञानिक ने घोषणा की कि पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगती है, उन्हें अपराधी घोषित कर दिया गया। उनकी खोज और सच को रोमन चर्च ने अपने ईश्वर व धार्मिक किताबों का अपमान बता दिया और इसके लिए उन्हें सजा सुना दी।

खोज के बाद तोहफा नहीं सजा मिली

उन्हें अपराधी बताए जाने के बाद 13 फरवरी 1633 को गैलीलियो रोम पहुंचे थे। उन्हें अपनी कही गई बात के लिए माफी मांगने के लिए कहा गया, पर वे इस बात पर अड़े रहे कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। जिसके बाद इस महान खगोलशास्त्री व भौतिक विज्ञानी को नास्तिक व पाखंडी करार दिया गया और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया।

खोज को बताया गया था बाइबल का अपमान

आज इस सच को बच्चा-बच्चा जानता है कि सौर्यमंडल में हर गृह सूर्य की परिक्रमा करता है पर उस दौर में गैलीलियो का विरोध करने वाले रोम के रूढ़िवादी लोगों का ये मत था कि बाइबल के मुताबिक पृथ्वी स्थिर है और अंतरिक्ष में बाकी गृह उसके आसपास घूमते हैं। लेकिन उस दौर में बाइबल के खिलाफ तर्क देना अपराध माना जाता था, ऐसे में इतनी बड़ी खोज करने के बावजूद गैलीलियो को हार माननी पड़ी।

जिंदगीभर नजरबंद रहे गैलीलियो

उन्होंने अपनी खोज पर माफी मांगते हुए अपना बयान वापस लिया, इसके बाद उन्हें कैद से मुक्त कर दिया गया पर वे इसके बाद जीवन भर अपने ही घर पर नजरबंद रहे। इस दौरान उनकी कई किताबों पर रोक भी लगा दी गई। इतिहासकारों की मानें तो नजरबंद रहते हुए जनवरी 1642 को गैलीलियो की मौत हो गई थी। उनकी मौत के 350 साल बाद पोप जॉन पॉल ने यह माना था कि गैलीलियो की खोज बिलकुल सही थी और पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है। इसी के साथ पोप ने उनके साथ हुए अत्याचार पर माफी मांगी थी।

गैलीलिया ने दुनिया के लिए किए ये आविष्कार

यह भी पढ़ें : सूरज का कुछ हिस्सा टूटना पृथ्वी पर बड़े संकट का इशारा या कुछ और? वैज्ञानिकों को सता रही किस बात की चिंता?

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