लड़की जिसे समझ रही थी शेविंग रैश, वो निकली ये भयानक बीमारी जिसने याददाश्त तक छीन ली

मूनी ने अपने साथ दस साल पहले घटी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने एक जानलेवा बीमारी को शेविंग रैश समझने की गलती कर ली थी।

Piyush Singh Rajput | Published : Nov 6, 2022 12:51 PM IST / Updated: Nov 06 2022, 06:29 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क. ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली 27 वर्षीय युवती ने अपने साथ घटी एक भयानक घटना सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शरीर में हो रहे किसी भी प्रकार के बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, वरना जान भी जा सकती है।

10 साल पहले घटी थी ये घटना

ये कहानी है ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में रहने वाली 27 वर्षीय मूनी मार्शल की। मूनी ने अपने साथ दस साल पहले घटी घटना बताई कि कैसे उन्होंने एक जानलेवा बीमारी को शेविंग रैश समझने की गलती कर ली थी। मूनी ने बताया कि जब वे 17 वर्ष की थीं तब उनके पैरों पर अचानक लाल रैश तेजी से बढ़ने लगे और तेज खुजली के बाद उन्हें बेहोशी छाने लगी।

अचानक बिगड़नी लगी हालत

मूनी कहती हैं, 'उस दौर में मेरी मां मुझे पैरों के ऊपर शेव करने से मना करती थी। अप्रैल 2011 में जब मैं दोस्तों से मिलकर घर पहुंची, तो मेरे पैरों और घुटने के ऊपर तक रैशेज तेजी से बढ़ने लगे। इसके साथ मेरे सिर में ऐसा भयानक दर्द शुरू हुआ कि जैसे मेरे सिर पर किसी ने हथोड़ा मार दिया हो। घर पहुंचने तक मेरी हालत बहुत बिगड़ चुकी थी। मुझे लगा कि इस खुजली और भयानक दर्द से बचने का एक ही तरीका है कि मैं शावर के नीचे खड़ी हो जाऊं पर मेरा खुदपर नियंत्रण खत्म हो गया था, मैं अपने हाथ पैर ठीक से नहीं हिला पा रही थी।'

पहले डॉक्टर ने बताया मामूली बुखार

मूनी ने आगे कहा, 'मैं जैसे-तैसे बाथरूम तक पहुंची और कई बार गिरी। तभी मेरी मां ने मेरी खराब हालत देख ली और तत्काल मुझे डॉक्टर के पास लेकर पहुंची। डॉक्टर ने मामूली चेकअप करने के बाद मेरी हालत को नजरअंदाज करते हुए कह दिया कि ये स्कार्लेट फीवर है और कुछ दवाईयां देकर घर भेज दिया।

फिर पता चला ये खतरनाक सच

मूनी ने बताया कि कैसे उसे इस घातक बीमारी का पता चला। वे कहती हैं, 'अगले दिन मेरी हालत और ज्यादा खराब हो गई, अब मेरे लिए खड़े रह पाना भी मुश्किल हो गया था। मेरी मां आनन-फानन में मुझे अस्पताल लेकर पहुंची। मेरी हालत देखकर मेडिकल स्टाफ को लगा कि मैंने ड्रग्स लिया है। लेकिन मेरी मां ने स्टाफ को बहुत समझाया कि ये कुछ और है। कुछ देर में डॉक्टर्स ने जो बताया उससे हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने बताया कि मैं मेनिंगोकॉकस (Meningococcus) नामक घातक बीमारी का शिकार हो चुकी थी। डॉक्टर ने बताया कि ये बीमारी किसी को सुबह हो जाए तो आदमी डिनर के वक्त तक जिंदा नहीं रहता।'

मुश्किल से बची जान

उन्होंने आगे कहा, 'मुझे तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया गया। मुझे बताया गया कि इस बीमारी की वजह से दिमाग, याददाश्त और दिमाग द्वारा शरीर को नियंत्रित करने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। मूनी को इस बीमारी से बचा लिया गया पर उसकी वजह से उनका शरीर बुरी तरह प्रभावित हुआ। डॉक्टर्स ने बताया कि इस बीमारी से बचने की संभावना 50/50 रहती है। मूनी बच तो गईं पर उन्हें अब चीजें पढ़ने, अपने हाथ का इस्तेमाल करने से लेकर याद रखने तक में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मूनी कहती हैं कि वे अब इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहती हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में ऐसे मामले अचानक से बढ़ने लगे हैं।

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