अफसर समझ नहीं पा रहे थे कि इन बहनों को 1 स्टूडेंट मानें या 2, अब 12th एग्जाम में बना दी मिसाल

Published : Jun 30, 2022, 07:33 AM ISTUpdated : Jun 30, 2022, 07:56 AM IST
अफसर समझ नहीं पा रहे थे कि इन बहनों को 1 स्टूडेंट मानें या 2, अब 12th एग्जाम में बना दी मिसाल

सार

ये हैं हैदराबाद की रहने वालीं दो दिव्यांग बहनें वीणा और वाणी। ये जन्म से ही सिर से एक-दूसरे से जुड़ी(Two Divyang sisters Veena-Vani attached to their heads) हुई हैं। लेकिन इनकी दिव्यांगता इनके हौसलों में आड़े नहीं आई। इन बहनों ने तेलंगाना इंटरमीडिएट का एग्जाम फर्स्ट क्लास कैटगेरी में पास करके एक मिसाल पेश की है। पढ़िए पूरी कहानी...

हैदराबाद. हैदराबाद की रहने वालीं दो दिव्यांग बहनें वीणा और वाणी ने  तेलंगाना इंटरमीडिएट का एग्जाम फर्स्ट क्लास कैटगेरी में पास करके एक मिसाल पेश की है। ये जन्म से ही सिर से एक-दूसरे से जुड़ी(Two Divyang sisters Veena-Vani attached to their heads) हुई हैं। उनकी सक्सेस स्टोरी जैसे ही मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये सरकार तक पहुंची, तेलंगाना की आदिवासी एवं महिला बाल कल्याण मंत्री सत्वती राठौड़ इन बहनों से मिलने पहुंची और बधाई दी। ये बहनें कभी निराश नहीं हुईं। आम बच्चो की तरह न होने पर भी इन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस किया।

CA बनना चाहती हैं दोनों बहनें
मंगलवार को तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन ने इंटर फर्स्ट एंड सेकंड ईयर के स्टूडेंट्स के लिए रिजल्ट जारी किए थे। इससे पहले वीणा को 10वीं की परीक्षा में 9.3 ग्रेड और वाणी को 9.2 ग्रेड मिले थे। वीणा-वाणी की उपलब्धि पर स्कूल डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने भी बधाई दी। वाणी और वीना ने कहा कि वे चार्टर्ड एकाउंटेंट(CA) बनना चाहती हैं। इसके लिए वे फाउंडेशन कोर्स ज्वाइन करेंगी। तेलंगाना की शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी ने रिजल्ट की घोषणा की थी। इसमें फर्स्ट एंड सेकंड दोनों ईयर में 60 प्रतिशत से अधिक स्टूडेंट़्स पास हुए। दिलचस्प बात यह है कि पहले स्कूल डिपार्टमेंट के अधिकारियों को समझ नहीं आ रहा था कि इन्हें एक स्टूडेंट मान जाए या दो अलग-अलग। वैसे मेडिकल के तौर पर यह स्पष्ट है कि जुड़वा बहनें दो अलग हैं, भले वे फिजिकली एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

स्पेशल प्रिविलेज से मना कर दिया था
वीणा-वाणी ने एग्जाम के लिए स्पेशल प्रिविलेट यानी कोई सहायता लेने से मना कर दिया था। उन्होंने सामान्य स्टूडेंट्स की तरह एग्जाम दिया। हालांकि उनके बैठने का जरूर खास इंतजाम किया गया था, ताकि वे ठीक से लिख सकें। इनके माता-पिता ने बचपन में ही छोड़ दिया था। इस समय वे एक संस्था में रहती हैं। दोनों बहनें हमेशा एक-दूसरे के साथ रहना चाहती हैं। दोनों बहनें लंबे समय तक नीलोफर अस्पताल में रहीं। 12 साल की उम्र में उन्हें राज्य आवास में भेज दिया गया था।

महिला एवं महिला एवं बाल कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़(Satyavathi Rathod )ने बुधवार को इंटरमीडिएट पास कर सीए की पढ़ाई करने का फैसला करने वाली जुड़वा बहनों वीणा और वाणी काे मिलकर बधाई दी।

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