Shocking Murders: तंदूर के अंदर रोटी नहीं महिला का शव जल रहा था, आज भी रूह कंपा देती है Tandoor Kand की कहानी

शॉकिंग मर्डर्स सीरीज में हम हर रोज आपको बताएंगे देश के सबसे भयानक हत्याकांडों के बारे में।

Piyush Singh Rajput | Published : Nov 15, 2022 10:59 AM IST / Updated: Nov 15 2022, 05:07 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क. 2 जुलाई 1995 की रात कनोट प्लेस स्थित बगिया रेस्टोरेंट के तंदूर से तेज-धुआं और आग की लपटें दिखाई पड़ती हैं। ये देख फुटपाथ पर सो रहा सब्जी वाला घबरा जाता है। किसी अनहोनी के डर से वो जोर से चिल्लाने लगता है कि तभी वहां से गुजर रहा दिल्ली पुलिस का गश्तीदल उसे देखकर रुक जाता है। सब्जी वाला रेस्टोरेंट की ओर इशारा करता है तो पुलिस रेस्टोरेंट के पास पहुंचती है, तभी एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आती है।

तंदूर के अंदर जल रही थी लाश

रेस्टोरेंट के तंदूर का वो दृश्य रूह कंपा देने वाला होता है। गश्तीदल का एक जवान अब्दुल नजीर सबसे पहले आगे कदम बढ़ाता है और तंदूर देखकर उसकी भी आंखें फटी रह जाती हैं। तंदूर में एक महिला की अध जली व क्षतविक्षत लाश नजर आती है। तंदूर की आग से महिला का शव काला पड़ चुका होता है, जवान बिना देर किए वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देता है और गश्ती दल रेस्टोरेंट के मैनेजर को हिरसात में ले लेता है। 

कांग्रेस नेता की पत्नी की थी लाश

रेस्टोरेंट के मैनेजर से कड़ी पूछताछ की जाती है तो वह जो बयां करता है वह सुनकर पुलिस के होश उड़ जाते हैं। पता चलता है कि तंदूर में जली लाश कांग्रेस नेता सुशील शर्मा की पत्नी नैना साहनी की है। आगे की बात सुनकर पुलिस के कान खड़े हो जाते हैं, कि सुशील ने ही अपनी पत्नी की हत्या की और उसके शव को इस तंदूर में जलाने का प्रयास किया। बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाता है, जिसमें पता चलता है कि नैना साहनी की गोली मारकर हत्या की गई थी।

फिर कांग्रेस नेता ने बताई हत्या की वजह

पुलिस सरगर्मी से आरोपी सुशील शर्मा की तलाश में जुट जाती है और कुछ समय बाद सुशील द्वारा खुद सरेंडर कर दिया जाता है। वह पुलिस को हत्या का कारण और पूरा घटनाक्रम बताता है। सुशील ने पुलिस को बताया कि 2 जुलाई 1995 की रात घर पर उसने अपनी पत्‍नी नैना को किसी से फोन पर बात करते हुए देखा। लेकिन उसे देखते ही नैना ने डरकर फोन काट दिया था। उसने जैसे ही नंबर रीडायल किया तो दूसरी ओर से नैना के पुराने दोस्त करीम मतबूल ने फोन उठाया। ये जानते ही सुशील ने आवेश में आकर नैना पर दनादन गोलियां चला दीं, जिससे उसकी वहीं मौत हो गई। उसे लगता था कि नैना और मतबूल के नाजायज संबंध हैं।

सुशील शर्मा को हुई थी 23 साल की सजा

नैना की हत्या करने के बाद सुशील ने अपने बगिया रेस्टोरेंट के तंदूर में शव को ठिकाने लगाने का प्रयास किया। इसमें उसने अपने होटल मैनेजर की भी मदद ली थी। लेकिन शव जल पाता उसके पहले ही पुलिस वहां पहुंच गई। इस मामले में कांग्रेस नेता को कोर्ट ने 23 साल की सजा सुनाई थी। 23 साल सजा काटने के बाद 2018 में सुशील शर्मा को रिहाई मिली। रिहाई मिलने के बाद सुशील ने एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उसे अपने किए पर बहुत पछतावा है, जो भी हुआ वो आवेश में हुआ था। ज्यादातर लोग अपने पलभर के गुस्से में ऐसी भयानक घटनाओं को अंजाम दे देते हैं। सुशील ने आगे कहा कि ऐसे गुस्से और स्थिति पर नियंत्रण करने कोशिश करनी चाहिए। सुशील ने कहा कि जेल का हर एक पल भयानक होता है इसलिए किसी अपराध को करने से पहले लाख बार सोच लेना चाहिए।

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