2300 साल पुरानी इस हेरिटेज साइट को गैर इस्लामी बताकर ISIS ने कर दिया था तबाह, फिर से चर्चा में है ये खंडहर

हतरा ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में खूब फला-फूला। 2015 में आतंकवादी समूह आईएसआईएस के हाथों  इस प्राचीन शहर का भारी नुकसान हुआ था। तब आतंकवादियों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। इस्लामिक स्टेट की हार के 5 साल बाद मोसुल और उसके आसपास के क्षेत्र अब सामान्य स्थिति में लौट रहे हैं। 

Amitabh Budholiya | Published : Sep 20, 2022 2:32 AM IST / Updated: Sep 20 2022, 08:05 AM IST

बगदाद(Baghdad). इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक (ISIS) के बर्बर हमले से तबाह हुआ ये 2300 साल पुराने खंडहर अब फिर से पर्यटकों के लिए आबाद हो उठा है। हतरा(Hatra)  अपर मेसोपोटामिया(Region in Iraq) प्रांत का एक प्राचीन शहर(ancient city) है, जो वर्तमान में नॉर्थ इराक में पूर्वी नीनवे प्रांत(Nineveh Governorate) में आता है। यह शहर  इराक की कैपिटल बगदाद से 290 किमी नॉर्थ-वेस्ट में और मोसुल से 110 किमी साउथ-वेस्ट में स्थित है। बता दें कि मोसुल उत्तरी इराक का एक प्रमुख शहर है, जो नीनवे प्रांत की राजधानी के रूप में कार्य करता है। राजधानी बगदाद के बाद जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से यह शहर इराक का दूसरा सबसे बड़ा शहर माना जाता है।

ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी का शहर है ये
हतरा ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में खूब फला-फूला। 2015 में आतंकवादी समूह आईएसआईएस के हाथों इस प्राचीन शहर का भारी नुकसान हुआ था। तब आतंकवादियों ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था। इस्लामिक स्टेट की हार के 5 साल बाद मोसुल और उसके आसपास के क्षेत्र अब सामान्य स्थिति में लौट रहे हैं। हतरा के विरासत स्थल को पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया है। विरासत और उसकी पहचान से लोगों को अवगत कराने(showcase the heritage and identity) पिछले दिनों मोसुल हेरिटेज हाउस ने प्राचीन स्थल के दौरे का आयोजन किया था। यूनेस्को(UNESCO) द्वारा एक लुप्तप्राय विश्व धरोहर स्थल(endangered world heritage site) के रूप में नामित(Designated) हतरा एक भारी किलेबंद कारवां शहर था। यानी कड़ी सुरक्षा रहती थी। रोमन और पार्थियन / फारसी साम्राज्यों के बीच स्थित हतरा छोटे अरब साम्राज्य की राजधानी के रूप में कार्य करता था।

ISIS ने इसे गैर इस्लामी बताया नुकसान पहुंचाया था
आतंकवादी समूह ISIS ने इस प्राचीन स्थल को यह कहकर नुकसान पहुंचाया था कि इस साइट पर कई कलाकृतियां(many artefacts) गैर-इस्लामी हैं और बहुदेववाद( polytheism) यानी मूर्तिपूजा को प्रोत्साहित करती थीं। इस प्रकार के अस्तित्व की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ISIS ने इस फैक्ट को भी नकार दिया किइस क्षेत्र में स्थित विभिन्न इस्लामी शासनों द्वारा साइट को 1,400 वर्षों तक संरक्षित किया गया था। बहरहाल, यह प्राचीन शहर को देखने फिर से लोग पहुंचने लगे हैं। ISIS के अत्याचारों के बाद से अपनी तरह के पहले दौरे में,लगभग 40 विजिटर्स यहां पहुंचे। इनमें से अधिकांश इराकी थे। इन्हें 2,000 साल से अधिक पुराने खंडहरों का भ्रमण करने की अनुमति दी गई थी।

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