OMG! एक-दो नहीं बल्कि 62 नए चांद मिलने का दावा, जानें अब कौन सा ग्रह कहलाएगा चंद्रमाओं का राजा

तीन महीने पहले ही फरवरी में बृहस्पति के आसपास 12 नए चंद्रमा मिले थे। तब उसके 95 चंद्रमा हो गए थे। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि सौर मंडल में शनि इकलौता ग्रह है, जिसके पास सबसे ज्यादा चंद्रमा हैं।

ट्रेंडिंग डेस्क : शनि ने तीन महीने में ही बृहस्पति ग्रह का सबसे ज्यादा चांद वाला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब सौर मंडल में सबसे ज्यादा चंद्रमा शनि ग्रह (Saturn Moons) के पास हो गए हैं। इस साल फरवरी में ही बृहस्पति ने शनि से सबसे ज्यादा चंद्रमा का ताज छीन लिया था। तब बृहस्पति के 95 चंद्रमा हो गए थे। अब शनि ग्रह पर 62 नए चंद्रमा मिले हैं। जिसके बाद शनि के चंद्रमाओं की संख्या 145 तक पहुंच गई है।

बृहस्पति के 95 चांद

Latest Videos

तीन महीने पहले ही फरवरी में बृहस्पति के आसपास 12 नए चंद्रमा मिले थे। तब उसके 95 चंद्रमा हो गए थे। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि सौर मंडल में शनि इकलौता ग्रह है, जिसके पास सबसे ज्यादा चंद्रमा हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के एस्ट्रोनॉमर प्रो. ब्रेट ग्लैडमैन ने बताया कि शनि ग्रह के चांद की संख्या करीब-करीब दोगुनी हो गई है। प्रो. ब्रेट उन टीम में शामिल हैं, जिसने शनि के 62 नए ग्रहों को खोजा है।

शनि ग्रह के नए चंद्रमाओं के नाम क्या हैं

प्रो. ब्रेट की तरफ से बताया गया है कि नए चंद्रमाओं का नाम जल्द ही रखा जाएगा। कुछ चंद्रमा का नाम कनाडा के इनउइट देवताओं के नाम पर भी रखा जा सकता है। इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन कुछ एक्सपर्ट्स से बात की है।

कहां से आए शनि ग्रह के इतने चांद

बताया जा रहा है कि शनि ग्रह के चारों तरफ हो सकता है कोई बड़ा चंद्रमा रहा होगा। इसी के टूटने से इतने सारे चंद्रमा बन गए हैं। ये सभी चंद्रमा शनि ग्रह के ऑर्बिट में अलग-अलग दिशाओं में फैल गए हैं। यह भी हो सकता है कि भविष्य में बृहस्पति ग्रह के चारों तरफ अगर चंद्रमाओं की खोज की जाए तो वह शनि की संख्या के आसपास पहुंच जाए। हालांकि, इसमें वक्त लग सकता है।

बृहस्पति से तीन गुना ज्यादा चंद्रमा

प्रो. ब्रेट ने बताया कि शनि ग्रह के पास बृहस्पति की तुलना में तीन गुना ज्यादा चांद हैं लेकिन अब तक उनकी खोज और गिनती नहीं हो पाई है। वैज्ञानिक इसकी लगातार खोजबीन कर रहे हैं। भविष्य में ज्यादा चंद्रमा मिल सकते हैं। बता दें कि पिछले कुछ सालों में कई ऐसे टेलिस्कोप बनाए गए हैं, स्पेस में ऑब्जरवेटरी सेट की गई है, जिससे चांद को खोजना आसान है। शिफ्ट और स्टैक टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है। इसकी मदद से धुंधले और छोटे चंद्रमाओं को सर्च करना भी आसान हुआ है। चूंकि ये चंद्रमा कई बार ग्रहों की ऑर्बिट में काफी दूर और दूसरी दिशा में होते हैं, इस वजह से दिखाई नहीं देते हैं। उन्हें नजर आने और चंद्रमा घोषित करने में ज्यादा रिसर्च की जरूरत होती है।

चंद्रमाओं की खोज कैसे हुई

प्रो. ब्रेट के सहयोगी डॉ. एडवर्ड एश्टन का कहना है कि किसी भी ग्रह के चंद्रमा को खोजना काफी मुश्किल वाला काम होता है। कई बार छोटे चंद्रमा की खोज में दूसरे पत्थर सामने आ जाते हैं. जिसे चंद्रमा माना जाता है, या फिर इस कैटेगरी से बाहर करना पड़ता है। बता दें कि चंद्रमाओं की खोज के लिए वैज्ञानिकों ने हवाई के कनाडा-फ्रांस-हवाई टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया है। साल 2019 से 2021 तक डेटा के हिसाब से चंद्रमाओं की गिनती की गई है। इनमें से कुछ चांद की साइज काफी छोटी है। उनका व्यास 2.5 किमी है।

इसे भी पढ़ें

क्या शनि के चंद्रमा पर है जीवन? NASA बना रहा सांप जैसा अनोखा रोबोट, जानें मिशन से जुड़े खास Facts

 

गाय के लिए लोग करते हैं ज्यादा डोनेशन, कुत्तों को मिलता है ज्यादा पैसा, जानिए क्या है वजह?

 

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi