सार
एक रिसर्च के मुताबिक डोनर बड़ी तादाद में गायों को प्रेम करते हैं, लेकिन कुत्तों के लिए लोग ज्यादा पैसा दान करते हैं। रिसर्च में कहा गया है कि लोग जानवरों के लिए औसतन 1600 रुपए डोनेट करते हैं।
अहमदाबाद : कुत्ते और गाय दोनों पशु प्रेमियों के लिए अनमोल हैं, लेकिन गायों के मुकाबले लोग कुत्तों के लिए ज्यादा डोनेशन देते हैं। अहमदाबाद के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM-A) की एक स्टडी के मुताबिक डोनर बड़ी तादाद में गायों को प्रेम करते हैं, लेकिन लोग कुत्तों के लिए ज्यादा पैसा दान करते हैं। ऑनलाइन की गई स्टडी से सामने आया है कि नेटिजन्स गायों की देखभाल के लिए एक निश्चित राशि दान करते हैं, जबकि कुत्तों के लिए दो से ढाई गुना अधिक राशि डोनेट करते हैं।
बता दें कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में मार्केटिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर सौरव बोरा ने अपने डॉक्टरेट छात्र साईं सिद्धार्थ साथ यह रिसर्च की थी। रिसर्चर ने कहा कि गायों के लिए दान करने वालों में देश भर के हर हिस्से के लोग शामिल थे, जबकि कुत्तों के लिए शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से ज्यादा डोनेशन दिया।
रिसर्च से यह भी सामना आया कि लोग पशु कल्याण और उनके अधिकारों के लिए जमकर पैसा दान करते हैं। रिसर्च के मुताबिक लोग औसतन 1000 रुपए दान करते हैं, लेकिन जानवरों के लिए वे औसतन 1600 रुपए डोनेट करते हैं।
क्राउडफंडिंग प्लेटफार्मों के डेटा को किया एनालाइज
प्रोफेसर बोरा ने बताया कि उन्होंने कोविड-19 महामारी, बाढ़ या सूनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों के डोनेशन करने के व्यवहार को समझने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने अलग-अलग क्राउडफंडिंग प्लेटफार्मों के डेटा को एनालाइज किया। इस दौरान उन्होंने 50,000 डोनेशन का विश्लेषण किया।
अलग-अलग कारणों के लिए डोनेशन करते हैं लोग
साईं सिद्धार्थ ने कहा ने बताया डेटा एनालाइज करते वक्त हमने पाया कि डोनेशन करने वालों में कुछ रेगूलर्स डोनर ने अलग-अलग कारणों से दान दिया। वहीं, जानवरों के लिए डोनेशन देने वाले अक्सर पशु कल्याण के लिए डोनेशन देते हैं। उन्होंने बताया कि दान करने वाले अधिकतर लोग चुप-चाप दान देता चाहते थे। इतना ही नहीं रिसर्च के दौरान एक ऑनलाइन डोनर ने ऐसा भी मिला, जिसने एक साल में तीन से चार बार दान किया।
पैसा खर्च करने पर भी ध्यान देते हैं डोनर
सिद्धार्थ ने बताया कि रिसर्च के दौरान प्राकृतिक आपदाएं आने पर डोनर और दान की जाने वाली राशि दोनों मे बढ़ोतरी देखी गई। आपदा आने पर लोगों ने कई अन्य कारणों से डोनेशन दिया। रिसर्चस ने यह भी पाया कि लोग इस बात पर काफी ध्यान देते हैं कि उनके द्वारा दान किया गया पैसा कैसे खर्च किया गया? रिसर्चर ने कहा कि डोन चाइल्ड ऐजूकेशन से लेकर खाने तक अलग-अलग कारणों के लिए लोगों की मदद करते हैं।
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