दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक हैं मुरैना में क्रैश Mirage-2000 और Sukhoi-30, नाम सुनते ही कांप जाते हैं चीन-पाक
मुरैना में जिन दो फाइटर प्लेन की टक्कर हुई है, वे भारतीय एयरफोर्स की बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक हैं। सुखोई-30 एयरफोर्स की रीढ़ मानी जाती है। दोनों फाइटर प्लेन काफी ताकतवर हैं। यही कारण है कि एयरफोर्स के लिए हादसा काफी नुकसान वाला है।
Satyam Bhardwaj | Published : Jan 28, 2023 1:33 PM IST / Updated: Jan 28 2023, 07:15 PM IST
ट्रेंडिंग डेस्क : शनिवार की सुबह मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना में इंडियन एयरफोर्स की रीढ़ माने जाने वाले दो फाइटर प्लेन सुखोई 30 और मिराज 2000 क्रैश (Morena Fighter Plane Crash) हो गए। दोनों प्लेन अभ्यास उड़ान पर थे और ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद यह हादसा हुआ। हालांकि अभी तक हादसे की वजह सामने नहीं आ पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस वक्त Sukhoi-30MKI में दो पायलट और Mirage-2000 में एक पायलट सवार था। दो पायलट सुरक्षित हैं, जबकि तीसरे की मौत हो गई है। सुखोई-30 और मिराज-2000 दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक हैं। दोनों का नाम सुनते ही चीन-पाकिस्तान के पसीने छूटने लगते हैं। यही कारण है कि एयरफोर्स के लिए यह हादसा काफी नुकसान वाला बताया जा रहा है। आइए जानते हैं दोनों विमानों की ताकत..
Mirage-2000
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फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट ने मिराज-2000 फाइटर जेट को बनाया है। इंडियन एयरफोर्स के टॉप फाइटर जेट में से यह एक है।
पहली बार 1985 में यह विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 50 मिराज-2000 फाइटर जेट हैं।
यह लड़ाकू विमान सिंगल शाफ्ट इंजन SNECMA M53 से लैस है। यह सिंगल सीटर विमान है।
मिराज-2000 की लंबाई 14.36 मीटर और पंखों समेत चौड़ाई 91.3 मीटर है।
इस फाइटर प्लेन का वजन 7500 किलोग्राम है। यह 17 हजार किलोग्राम वजन को लेकर उड़ान भरने में सक्षम है।
मिराज-2000 फाइटर जेट की टॉप स्पीड 2,336 किलोमीटर प्रतिघंटे की है।
एक बार में यह फाइटर जेट 1,550 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।
मिराज-2000, सुखोई 30 से भी तेजी से उड़ान भरने में सक्षम है।
मिराज-2000 फाइटर जेट 59 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है।
मिराज-2000 लड़ाकू विमान लेजर गाइडेड बम, एयर टू एयर और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से पूरी तरह लैस है।
मिराज में थॉमसन सीएसएफ आरडीवाई रडार सिस्टम भी लगा हुआ है। इसके साथ ही फ्लाइ बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम भी इस विमान में है।
इस प्लेन में सेक्सटेंट वीई-130 HUD लगाया गया है। जिस पर फ्लाइट कंट्रोल, नेविगेशन, टारगेट इंगेजमेंट और वेपन फायरिंग का डाटा डिस्पले होता है।
भारत के साथ ही फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, पेरू, ताइवान, ग्रीस और ब्राजील की वायुसेना के पास भी मिराज-2000 फाइटर प्लेन है।
मिराज-2000 करीब 167 करोड़ रुपए में आती है।
कारगिल युद्ध, सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान मिराज-2000 ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
Sukhoi-30MKI
चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट सुखोई-30 के आधुनिक वर्जन Sukhoi-30MKI रूस की कंपनी सुखोई और भारतीय कंपनी एचएएल की साझीदारी में विकसित है।
यह 2 सीटर मल्टी रोल फाइटर जेट है, जो दुनिया के सक्षम लड़ाकू विमानों में से एक है।
Sukhoi-30MKI में दो टर्बोजेट इंजन लगाए गए हैं, जिसकी मदद से यह विमान 2,120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है।
सुखोई-30 की लंबाई 21.9 मीटर, चौड़ाई 14.7 मीटर और ऊंचाई 6.4 मीटर है।
यह फाइटर प्लेन एक बार में 38,800 किलोग्राम वजन लेकर उड़ान भर सकता है।
इस विमान की रफ्तार 300 मीटर प्रति सेंकेंड है।
एक बार में Sukhoi-30MKI अधिकतम 3,000 KM की दूरी तय कर सकता है। अगर बीच हवा में रिफ्यूलिंग कर दी जाए तो यह 8,000 किलोमीटर तक जा सकता है।
दुनिया के सबसे ज्यादा हथियारों से लैस फाइट प्लेन में सुखोई 30 का भी नाम है।
भारत में निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल समेत कई घातक मिसाइलों को एक साथ लेकर यह फाइटर प्लेन उड़ान भर सकता है।
Sukhoi-30MKI को भारतीय वायुसेना की रीढ़ कहा जाता है। इसकी कीमत 62 मिलियन डॉलर के करीब है।