दुनिया में पहली बार कब हुआ था आत्मघाती हमला, पहला सुसाइड बॉम्बर कौन था, जानें

पाकिस्तान के पेशावर में आत्मघाती हमलावर ने मस्जिद में खड़े होकर खुद को उड़ा लिया। हादसे का खौफनाक मंजर देख हर कोई दहल उठा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का पहला आत्मघाती हमलावर कौन था? पहली बार आत्मघाती हमला कब हुआ था?

Satyam Bhardwaj | Published : Jan 30, 2023 12:15 PM IST

ट्रेंडिंग डेस्क : पाकिस्तान (Pakistan) के पेशावर में पुलिस लाइन के पास एक मस्जिद में सोमवार को हुए आत्मघाती हमले (Peshawar Bomb Blast) में कई लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल भी बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आत्मघाती हमलावर मस्जिद में नमाज की लाइन में सबसे आगे था। इसी दौरान उनसने खुद को उड़ा लिया। धमाके की आवाज 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। धमाका तेज होने के चलते मस्जिद का एक हिस्सा गिर गया और कई लोग उसके नीचे दब गए। पाकिस्तान में इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में पहली बार आत्मघाती हमला (Suicide attack) कब हुआ था? पहला आत्मघाती हमलावर (Suicide Bomber) कौन था? चलिए जानते हैं..

दुनिया का पहला आत्मघाती हमलावर कौन था

दुनिया का पहला आत्मघाती हमलावर ‘इग्नेटी ग्रिनवित्स्की’ नाम का शख्स था। उसने 13 मार्च 1881 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग के विंटर पैलेस के बाहर बम से हमला किया था। उसने 62 साल के रूसी शासक अलेक्जेंडर द्वितीय के काफिले पर यह अटैक किया था। रूसी शासक पर यह आत्मघाती हमला पूरी प्लानिंग के साथ की गई थी।

कैसे हुआ था पहला आत्मघाती हमला

जिस वक्त दुनिया का पहला आत्मघाती हमला किया गया था, उस वक्त रूसी शासक अलेक्जेंडर अपने काफिले के साथ बुलेट प्रूफ गाड़ी में जा रहे थे। तभी आत्मघाती हमलावर ग्रिनवित्स्की के एक साथी ने एक छोटा सा ब्लास्ट किया। इस धमाके के बाद अलेक्जेंडर अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी छोड़ बाहर निकल आए। जब सुसाइड बॉम्बर ग्रिनवित्स्की ने यह मौका पाया तो उसने अलेक्जेंडर के पैर पर बम फेंक दिया। इस हमले में अलेक्जेंडर के पैर उड़ गए, पेट फट गया और चेहरा समझ ही नहीं आ रहा था। हमले के कुछ घंटे बाद ही अलेक्जेंडर की मौत हो गई और इस हमले में आत्मघाती हमलावर भी मारा गया।

मेरी मौत मेरी ड्यूटी होगी- सुसाइड बॉम्बर

इस हमले के एक रात पहले आत्मघाती हमलावर ग्रिनवित्स्की ने लिखा था कि 'मेरी मौत मेरी ड्यूटी होगी। दुनिया में कोई भी मुझसे और ज्यादा डिमांड नहीं करेगा।' इसके अलगे ही दिन उसने रूसी शासक के साथ खुद को भी उड़ा लिया था।

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