Holi 2022: यहां होलिका दहन के बाद लोग अंगारों पर चलते है, जानें क्या है मान्यता

होली (Happy Holi 2022) पर मनाई जाने वाली इस परंपरा के तहत लोग अंगारों पर चलते हैं और सुरक्षित बाहर आ जाते हैं। रायसेन के सिलवानी महगंवा में होलिका दहन के बाद गांव के लोग आस्था और विश्वास के साथ नंगे पैर अंगारों पर ऐसे चलते हैं, मानों साधारण जमीन पर चल रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2022 6:22 AM IST / Updated: Mar 16 2022, 05:21 PM IST

नई दिल्ली। होली रंगों का त्योहार है। मगर देशभर में कई अलग-अलग जगहों पर कुछ अनोखे अंदाज में भी होली (Happy Holi 2022) का पर्व मनाया जाता है। कहीं पर फूलों की होली होती है, तो कहीं लठ्ठमार। कहीं, लड्डूमार होली तो कहीं होली पर दामाद को गधे पर बिठाकर घुमाते हैं। वहीं, मध्य प्रदेश के रायसेन में अंगारों से होली खेली जाती है। इस अनूठे मगर खतरनाक तरीके से होली रायसेन के सिलवानी महगवां में मनाई जाती है। ग्रामीणों के अनुसार यह परंपरा बीते कई दशकों से चली आ रही है। 

हर साल होली पर मनाई जाने वाली इस परंपरा के तहत लोग अंगारों पर चलते हैं और सुरक्षित बाहर आ जाते हैं। रायसेन के सिलवानी महगंवा में होलिका दहन के बाद गांव के लोग आस्था और विश्वास के साथ नंगे पैर अंगारों पर ऐसे चलते हैं, मानों साधारण जमीन पर चल रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जितने भी लोग अंगारों पर चलते हैं, उनके पैरों पर छाले भी नहीं पड़ते। 

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यही नहीं, अंगारों पर चलने के दौरान किसी को कोई परेशानी या दर्द भी नहीं होता। गांव वालों के मुताबिक, अंगारों पर चलने के दौरान ऐसा कभी महसूस नहीं होता कि वे आग पर चल रहे हैं। हालांकि, गांव वालों को खुद नहीं मालूम कि यह परंपरा वे कब से निभाते चले आ रहे हैं, मगर कुछ बुजुर्गों का दावा है कि उनके गांव में यह प्रतिवर्ष होली पर दशकों से मनाई जा रही है। 

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ग्रामीणों का दावा है कि यह परंपरा वे यह रस्म गांव को आपदा से और अपने परिजनों को बीमारियों और कष्टों से दूर रखने के लिए निभाते आ रहे हैं। इससे उन्हें लाभ भी होता है। गांव में होलिका दहन के दिन पूरी विधि से पूजा करने के बाद होलिका दहन करते हैं। इसके बाद उसी अंगारों पर चलने का सिलसिला शुरू होता है। परंपरा कब शुरू हुई, किसने शुरू की, यह जानकारी तो किसी को नहीं, मगर दशकों से यह निभाते चले आ रहे हैं। 

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