गुरु पर रिसर्च करने आए और बन गए मठ के महंत, जानें योगी जी ने कब लिया था सन्यास

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो आज भी कम ही लोगों को पता है। 22 साल की उम्र में उन्होंने सांसारिक जीवन त्याग दिया था। 1993 में वे गुरु गोरखनाथ (Guru Gorakhnath) पर रिसर्च करने गोरखपुर आए थे।

Asianet News Hindi | Published : Mar 25, 2022 12:10 PM IST / Updated: Mar 25 2022, 06:01 PM IST

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च, शुक्रवार को दूसरी बार लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। हाल ही में खत्म हुए यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की, जिसके बाद 24 मार्च को विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी गई। योगी आदित्यनाथ के साथ दो मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। 

हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली थी और यह पहली बार हुआ जब एक राज्य में दो डिप्टी सीएम बनाए गए थे। आज हम आपको योगी आदित्यनाथ से जुड़े  कुछ रोचक तथ्य बताएंगे, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है।  

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सर्टिफिकेट पर नाम अजय सिंह बिष्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीखे भाषण, बयान और सख्त कार्यशैली की वजह से अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। योगी आदित्यनाथ का मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। कॉलेज सर्टिफिकेट में भी यही नाम लिखा है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर  गांव में एक  राजपूत परिवार में हुआ था। योगी आदित्यनाथ की शुरुआती शिक्षा टिहरी में गजा के प्राथमिक स्कूल में हुई थी। हाईस्कूल की परीक्षा के बाद उन्होंने ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज में इंटरमीडिएट का एग्जाम पास किया। 

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मैथ से एमएससी के दौरान रिसर्च करने गोरखपुर आए थे
वेश-भूषा और आचार-व्यवहार में संत की  तरह दिखने वाले योगी आदित्यनाथ ने कोटद्वार के गढ़वाल यूनिवर्सिटी से मैथ में बीएससी की परीक्षा पास की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान 1990 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी से जुड़ गए थे। मैथ में एमएससी की पढ़ाई के समय रिसर्च करने के लिए वे गोरखपुर आए हुए थे। यहां गोरक्षनाथ पीठ के महंत अवैद्य नाथ से उनकी मुलाकात हुई। 

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आजमगढ़ में हुआ था जबरदस्त हमला
योगी आदित्यनाथ ने महंत अवैद्य नाथ के संपर्क में आने के बाद वर्ष 1994 में सांसारिक मोहमाया त्याग दी। पूर्ण रूप से संन्यासी बनने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। अब उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर योगी आदित्यनाथ हो गया था। एक बार आजमगढ़ में उन पर जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले में हमलावरों ने उन्हें घेर लिया था और उनके समर्थकों को लहूलुआन कर दिया था। हालांकि, योगी आदित्यनाथ की जान बच गई। 

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