देश के चर्चित पुलिस अफसरों(IPS) में शुमार नवनीत सिकेरा(Navniet Sekera) सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उनकी पोस्ट लीक से हटकर होती हैं। लोगों को उत्साहित करना, समाज और देश के प्रति उनमें भावनाएं पैदा करना, उनकी पोस्ट की मकसद होता है। उन्होंने एक गरीब बच्चे की तस्वीर शेयर करके बड़ी सीख दी है।
लखनऊ. ये हैं उत्तर प्रदेश पुलिस के दबंग सीनियर पुलिस अधिकारी(IPS) नवनीत सिकेरा(Navniet Sekera)। देश के चर्चित IPS में शुमार और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट नवनीत सिकेरा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उनकी पोस्ट लीक से हटकर होती हैं। लोगों को उत्साहित करना, समाज और देश के प्रति उनमें भावनाएं पैदा करना, उनकी पोस्ट की मकसद होता है। उन्होंने एक गरीब बच्चे की तस्वीर शेयर करके बड़ी सीख दी है।
Facebook post of Senior IPS Navneet Sekera:बच्चा लाइन के अंत में बैठा है....
नवनीत सिकेरा ने यह फोटो शेयर करते हुए लिखा-"'बच्चा लाइन के अंत में बैठा है, सिर्फ इसलिये कि उसका मजाक न उड़े। उसको पता है वो अपने मां-पिता का लाडला है, पर वो चाहकर भी उसको नई शर्ट नहीं दिला सकते। इस बच्चे को नई शर्ट नहीं, नई जिंदगी जीने की जिद है और मुझे यकीन है ईश्वर इसकी मदद करेंगे। एक वाक्या मुझे भी याद आया। उस जमाने में एक्शन शूज का बड़ा जलवा होता था। मैंने अपने मामा जी के यहां था। मामाजी के लड़के के पुराने एक्शन शूज रैक में रखे हुए थे। बालक मन था। मैं एक दिन पहन कर चला गया (1 महीने की कोचिंग थी दिल्ली में, वो कर रहा था)। मेरे पास वाली कुर्सी पर एक लड़का बार-बार बोले जा रहा था किसी के शूज में छेद है और आस पास के लड़के मुस्कुरा रहे थे। मैंने सोचा, पता नहीं किसके लिए कह रहा है? मेरी निगाह उसके शूज पर गई, शानदार शूज थे उसके। फिर अपने मंगनई के एक्शन शूज पर गई। पेट में सर्राटा सा हो गया। मेरे ही जूते में छेद था। यकीन मानिए पूरे 2 घंटे की क्लास में मेरा फोकस सिर्फ इस पर था कि मेरे जूते के छेद पर किसी की निगाह न जाए। मैं इतना नर्वस हो गया था, पर 'अच्छा करूंगा', करने की जिद और बढ़ गई थी, इसीलिए बच्चे जिद पाल ईश्वर तेरी मदद करेंगे। तू जीवन में बहुत अच्छा करेगा जय हो।"(संपादित किया गया है)
पोस्ट पर आए सैकड़ों कमेंट्स
नवनीत सिकेरा की इस पोस्ट को हजारों लोग Like कर चुके हैं। वहीं, सैकड़ों कमेंट्स मिले हैं। पढ़िए कुछ प्रतिक्रियाएं...
संघर्ष ही जीवन है। सत्य पर हंसने वाले एक दिन बुरे फंस जाते हैं। ईश्वर इस बच्चे को बहुत आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करे।
सर आपको एक एनजीओ बनानी चाहिए। इन जैसे बच्चों के लिए पढ़ाई का इंतजाम और कपड़ों का इंतजाम करें। यह बच्चे पढ़ना तो चाहते हैं, लेकिन इनके पास संसाधन नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म दी जाती है। यह फोटो किसी अन्य राज्य की हो सकती है। मेरा ऐसा मानना है कि यदि राज्य सरकार निर्धन बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म नही दे सकती है, तो उसे विद्यालय में एक समान यूनिफॉर्म का नियम नहीं लगाना चाहिए। ताकि गरीब का बच्चा भी बिना भेदभाव पढ़ सके और अन्य बच्चे उसकी निर्धनता का मजाक भी न उड़ा सकें।
नवनीत सिकेरा पर बनी थी भौकाल वेबसीरिज
IPS नवनीत सिकेरा 60 से ज़्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। नवनीत सिकेरा ने एटा जिले के आल बॉयज स्कूल से हाईस्कूल किया था। वे दिल्ली के हंसराज कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते थे, लेकिन अंग्रेजी नहीं आने से फॉर्म नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत से किताबों के जरिये पढ़ाई की और पहली ही बार में आईआईटी क्रैक करके सबको चौंका दिया। नवनीत आईआईटी रूड़की से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। वेबसीरिज भौकाल इन्हीं पर बनी थी।