एसिड रेन नाम से ही सामान्य वर्षा से अलग लग रही है। एसिड रेन को अम्लीय वर्षा भी कहा जाता है जो सामान्य तौर पर पेड़, पौधों, जीव-जन्तुओं और वातावरण के लिए अच्छी नहीं होती है।
ट्रेंडिंग न्यूज। एसिड रेन सामान्य वर्षा से अलग अम्लीय तत्वों से युक्त होती है। इसमें कोई अलग गंध या रंग नहीं होता लेकिन इस बारिश के बाद आसपास के वातावरण में कुछ समय अंतर दिखाई देता है। एसिड वर्षा पूरे वातावरण पर भी प्रभाव डाल सकती है। यह वर्षा पौधों को कमजोर बनाने के साथ जीव-जन्तुओं के स्वास्थ्य के साथ मिट्टी को भी नष्ट कर सकती है।
मनुष्य और प्रकृति दोनों ही एसिड रेन के कारण
एसिड रेन यानी अम्लीय वर्षा वायु प्रदूषण को वातावरण से बाहर निकालने की एक प्रक्रिया है। विशेषज्ञों की माने तो वातावरण में फैली दूषित गैस और पदार्थों एकत्र होकर बारिश के रूप में वापस धरती पर गिरते हैं। यह ऐसा बारिश होती है जो मिट्टी और पे़ड़ पौधों के लिए लाभकारी नहीं होती है। यह मिट्टी को खराब करती है और पेड़-पौधों को भी कमजोर कर देती है। वैज्ञानिकों की माने तो जब बारिश की pH वैल्यू 5.6 से अधिक हो जाती है, तो उसे एसिड मान सकते हैं।
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ऐसे होती है ऐसिड रेन
एसिड रेन तब होती है जब नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फरडाई ऑक्साइड वातावरण में उत्पन्न होती है और आबोहवा में घुल जाती है। यह ऑक्सीजन, पानी और अन्य तत्वों के साथ मिलकर नाइट्रिक और सल्फ्यूरिक एसिड बनाती है। खास बात ये है नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फरडाई ऑक्साइड ज्वालामुखी और अन्य प्रकृतिक सोर्स से आता है।
एसिड रेन रोकने के लिए गैसों का बनना रोकें
एसिड रेन रोकने के लिए वातावारण को जहरीला होने से रोकना होगा। इसके ऊर्जा उत्पन्न करने वाले कार्य कम करें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कम प्रयोग करें। प्राइवेट वाहनों के स्थान पर ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। इससे सड़कों पर गाड़ियां कम होंगी और धुंआ कम निकलेगा। ईंधन के कम प्रयोग से वातावरण को एसिड रेन से बचाने का प्रयास किया जा सकता है।