Zero Discrimination Day 2023 : क्या है शून्य भेदभाव दिवस और क्यों इसे मनाया जाता है? जानें यहां

हर साल शून्य भेदभाव दिवस (Zero Discrimination Day) को हर प्रकार की भेदभाव की स्थिति से बचने और इसके प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

Piyush Singh Rajput | Published : Feb 28, 2023 6:42 PM IST / Updated: Mar 01 2023, 10:02 AM IST

ट्रेंडिंग डेस्क. Zero Discrimination Day जिसे हिंदी में शून्य भेदभाव दिवस कहते हैं, हर साल साल 1 मार्च को मनाया जाता है। इसे मनाए जाने की शुरुआत आज से 9 साल पहले 2014 में हुई थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भेदभाव को समाप्त कर एक एकजुट समाज की स्थापना करना और इसे एक वैश्विक आंदोलन बनाना है।

क्या है Zero Discrimination Day का उद्देश्य?

हर साल इस दिवस को यूनाइटेड स्टेट्स के साथ कई देश व अंतर्राष्ट्रीय संगठन मनाते हैं। इस दिवस के माध्य्म से समाज में किसी भी प्रकार के भेदभाव यानी डिस्क्रिमिनेशन को समाप्त करना और लोगों को इसके प्रति जागरुक करना है।

भेदभाव से जुड़ी चीजों का विरोध और जागरुकता

शून्य भेदभाव दिवस के माध्यम से कई तरह के भेदभाव का विरोध करने के साथ-साथ लोगों को जागरुक बनाया जाता है। उदाहरण के तौर पर एड्स से पीड़ित व्यक्ति को भेदभाव झेलना पड़ता है पर एड्स छूने से नहीं फैलता। ऐसी कई बीमारियों के प्रति भी इस दिन लोगों को जागरूक किया जाता है।

Zero Discrimination Day से कैसे भेदभाव का विरोध?

रिपोर्ट़्स के मुताबिक पूरी दुनिया में भेदभाव केवल लिंग के आधार पर ही नहीं होता बल्कि इसे रोग, रंग, धर्म, रूप, वजन, ऊंचाई आदि किसी भी रूप में देखा गया है। इसी वजह से इन स्थितियों को देखकर और इन पर रोक लगाने के लिए हर वर्ष शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है।

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