कोरोना वैक्सीन को हाथ में ही क्यों इंजेक्ट किया जाता है, जानें ये शरीर के अंदर वायरस से कैसे लड़ती है?

वैक्सीन लगाने की सबसे बेहतर जगह मांसपेशियां यानी मसल्स हैं, क्योंकि उनमें महत्वपूर्ण इम्युन सेल्स होते हैं। ये इम्युन सेल्स एंटीजन को पहचानती हैं, जो एक वायरस या बैक्टीरिया का छोटा सा टुकड़ा है जिसे वैक्सीन द्वारा रिस्पान्स के लिए भेजा जाता है। 
 

नई दिल्ली.भारत में कोरोना वैक्सीनेशन तेज कर दिया गया है। लोगों को दो डोज लगाया जाना है। वो भी हाथ में। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कोरोना की वैक्सीन हाथ में ही क्यों लगाई जाती है? अधिकांश वैक्सीन मांसपेशियों में दी जाती है, जिन्हें इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन के रूप में भी जाना जाता है। कुछ वैक्सीन जैसे रोटावायरस मुंह के जरिए दी जाती है। 

मांसपेशी में वैक्सीन क्यों?
अधिकांश वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर के जरिए डेल्टोइड (एक मोटी त्रिकोणीय कंधे की मांसपेशी) या जांघ में दी जाती है। यह वैक्सीन इम्युन सिस्टम को बूस्ट करती हैं। कोविड -19 वैक्सीन को ऊपरी बांह की मांसपेशियों में इंजेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है, क्योंकि यहां लगाना सबसे ज्यादा सुविधाजनक है और शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में कम दर्द होता है। 

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वैक्सीन कैसे काम करती है?
जब कोई वैक्सीन हाथ या जांघ की मांसपेशी में लगाई जाती है तो वहां से वो पास के लिम्फ नोड में ले जाई जाती है। वैक्सीन पहले स्पेशल सेल्स के पास पहुंचती है, जो व्हाइट ब्लड सेल्स के संपर्क में होती हैं। इन्हें टी कोशिका और बी कोशिका के रूप में जाना जाता है। इसके बाद ये किलर सेल्स बन जाते हैं और कोरोनो वायरस संक्रमित कोशिकाओं की तलाश कर नष्ट कर देती हैं।

मांसपेशियों में इम्युन सेल्स होते हैं
वैक्सीन लगाने की सबसे बेहतर जगह मांसपेशियां यानी मसल्स हैं, क्योंकि उनमें महत्वपूर्ण इम्युन सेल्स होते हैं। ये इम्युन सेल्स एंटीजन को पहचानती हैं, जो एक वायरस या बैक्टीरिया का छोटा सा टुकड़ा है जिसे वैक्सीन द्वारा रिस्पान्स के लिए भेजा जाता है। 

कोविड -19 वैक्सीन के मामले में यह एंटीजन पेश नहीं करता है बल्कि एंटीजन के प्रोडक्शन का खाका तैयार करता है। मांसपेशियों के टिशू में इम्युन सेल्स इन एंटीजन को पिक करती हैं और उन्हें लिम्फ नोड्स में ले जाती हैं। लिम्फ नोड्स लिम्फोनिक सिस्टम का हिस्सा हैं, जो शरीर का रक्षक माना जाता है। ये बैक्टीरिया और वायरस को ब्लड में प्रवेश करने से रोकते हैं। जब मांसपेशियों में इम्युन सेल्स वैक्सीन को पहचानती हैं, तो वे एंटीजन को लिम्फ नोड्स में ले जाती हैं।  

लिम्फ नोड्स हमारे इम्युन सिस्टम को महत्वपूर्ण कम्पोनेंट है। कई वैक्सीन को डेल्टॉइड में इंजेक्ट किया जाता है क्योंकि यह लिम्फ नोड्स के करीब होता है। जब वैक्सीन जांघ में दी जाती है तो ये लिम्फ वेसल्स को कमर में लिम्फ नोड्स तक पहुंचने में आसानी होती है।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आईए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

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