World Hepatitis Day 2022: लीवर जैसे महत्वपूर्ण अंग पर हेपेटाइटिस के वायरस सीधे असर करते हैं। इनमें ए और ई वायरस का इलाज तो संभव है, मगर बी या सी वायरस ने आपको चपेट में लिया तो बचने की संभावना बेहद कम हो जाती है।
ट्रेंडिंग डेस्क। World Hepatitis Day 2022: हम सभी जानते हैं कि यकृत यानी लीवर हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में एक है। इसका मुख्य काम पाचन क्रिया को लेकर है, मगर कई और जरूरी काम भी हैं, जो ये करता है। इसमें टॉक्सिक एलिमेंट्स को शरीर से बाहर निकालना और प्रोटीन को आब्जर्व करना भी शामिल है। मगर हेपेटाइटिस नाम की एक बीमारी इस पर सीधा प्रभाव डालती है। ऐसे में आप समझ सकते है कि यह कितनी खतरनाक बीमारी है।
हेपेटाइटिस की वजह से शरीर में सूजन आती है। वही इसे नुकसान पहुंचाती है। अगर इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो लीवर फेल हो सकता है या फिर कैंसर को जन्म दे सकता है और यह जानलेवा साबित होगा। वैसे तो इस बीमारी को फैलने में चार वायरस की भूमिका प्रमुख होती है। इसमें ए, बी, सी और ई शामिल हैं। हालांकि, सही समय पर सही इलाज इस पर रोक लगा सकता है और वायरस को काबू में कर सकता है। इस बीमारी से बॉलीवुड के मशहूर कलाकार अमिताभ बच्चन भी प्रभावित हैं। दावा किया जाता है कि इस वजह से उनका लीवर सिर्फ 25 प्रतिशत ही काम करता है।
कौन-कौन से वायरस ज्यादा खतरनाक, अलर्ट रहने की जरूरत
डॉक्टरों की मानें तो वायरस ए और ई उतने खतरनाक नहीं होते, जितने की बी और सी। ए और ई का इन्फेक्शन कुछ समय के लिए होता है और बेहतर इलाज से यह ठीक हो सकता है, मगर बी और सी वायरस परेशान करते हैं। बी और सी वायरस लीवर को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाते हैं। इसमें लीवर सिरोसिस से लीवर के फेल होने या फिर कैंसर की वजह बनता है। इसका पूरा इलाज संभव नहीं। इसके लिए लीवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपाय है। कुछ मामलों में परहेज व दवाओं की वजह से इसे उसी स्थिति में रोका जा सकता है।
किन लोगों को कब इसका टीका लगवा लेना चाहिए
दरअसल, बहुत से लोगों को शुरुआती स्तर पर पता ही नहीं होता कि उन्हें लीवर से जुड़ी बीमारी है और यह हेपेटाइटिस बी या सी की वजह से हो रही है। यह आकंड़ा करीब 90 से 95 प्रतिशत तक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, तब भारत में करीब चार करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी और सवा करोड़ लोग हेपेटाइटिस सी से प्रभावित हैं। इनसे बचने के लिए टीका लगवा लेना चाहिए। खासकर बच्च्चों और 18 साल की उम्र तक में इसे लगवा ही लेना चाहिए। इसके अलावा, डायलिसिस रोगियों और ट्रांसप्लांट कराने वालों को भी इसका टीका लगवा लेना चाहिए। साथ में ड्रग्स लेने वालों को इसका टीका जरूर लगवा लेना चाहिए।
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