दिवाली के दिन रात 11 बजे तक काम करने वाले ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय रितिक तोमर ने 6 घंटे काम करके जितने पैसे कमाए, उसकी चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है।
नई दिल्ली: दिवाली का त्यौहार बीते कुछ दिनों पहले ही खत्म हुआ है और लोग अभी भी इसकी खुशियों को याद कर रहे हैं। त्यौहार के दिन जिन लोगों के घरों में खास पकवान नहीं बन पाए, उनके घर मिठाईयाँ पहुँचाने का काम फूड डिलीवरी बॉयज़ ने किया। आजकल शहरों में लोग स्विगी, ज़ोमैटो जैसे ऐप्स पर निर्भर हो गए हैं और जब चाहें अपना मनपसंद खाना ऑर्डर कर लेते हैं। बारिश हो या ठंड, आपके ऑर्डर को डिलीवरी बॉयज़ पहुँचाने का काम करते हैं। सिर्फ़ पुरुष ही नहीं, कई महिलाएं भी इस काम से अपना जीवनयापन कर रही हैं। त्यौहार के दिन भी कई लोगों ने छुट्टी नहीं ली और काम किया।
अब दिवाली के दिन रात 11 बजे तक काम करने वाले एक डिलीवरी बॉय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखकर लोग कह रहे हैं कि त्यौहार सबके लिए एक जैसे नहीं होते। दिवाली पर इस युवक ने पूरे 6 घंटे काम किया और उसे कितने पैसे मिले, यह वीडियो में देखा जा सकता है।
31 अक्टूबर को भारत में लोग धूमधाम से दिवाली मना रहे थे। लेकिन डिलीवरी बॉय रितिक तोमर अपने परिवार के पास जाने के बजाय खाना पहुँचाने के काम पर मौजूद थे। उस दिन मिले पहले और आखिरी ऑर्डर की सारी जानकारी रितिक ने रिकॉर्ड की। 31 अक्टूबर को रितिक तोमर ने शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक 6 घंटे डिलीवरी बॉय का काम करके 317 रुपये कमाए।
यह वीडियो देखकर नेटिज़न्स ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियों से त्यौहार के मौके पर खास ऑफर देने की अपील की है। वायरल वीडियो के अनुसार, ज़ोमैटो अपने एजेंट को एक ऑर्डर के 40 रुपये देता है। रितिक ने रात 11 बजे तक कुल 8 ऑर्डर डिलीवर किए और 317 रुपये कमाए।
रितिक तोमर ने यह वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा, "दिवाली पर ज़ोमैटो का काम।" इस वीडियो को 50 लाख से ज़्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं। 6 घंटे काम करने के बाद सिर्फ़ 317 रुपये मिलने पर नेटिज़न्स ने दुख जताया है। दिवाली पर भी कुछ लोग एक वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं। कुछ लोग रोशनी के त्यौहार पर भी जीवनयापन के लिए काम करते हैं। एक नेटिज़न ने लिखा, "यह एक तरह का संघर्षपूर्ण जीवन है।"
ज़्यादातर लोगों ने लिखा, “भगवान आपको काम करने की शक्ति दे। सिर्फ़ लगातार मेहनत से ही सफलता मिलती है। इसलिए काम करते रहना चाहिए। साथ ही, ज़ोमैटो को भी अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले पैसे बढ़ाने चाहिए।”