सुखद: चुभती-चिलचिलाती गर्मी में साइकिल से फूड डिलीवरी करते Zomato Boy दुर्गा मीणा, लोगों ने यूं आसान की जिंदगी

राजस्थान (Rajasthan) के रहने वाले दुर्गा शंकर मीणा (Durga Shankar Meena) साइकिल से फूड डिलीवरी (Food Delivery) करते थे। उनकी परेशानी आदित्य ने देखी और मदद करने की ठानी। सिर्फ तीन घंटे में ही लोगों ने इतनी मदद दी कि दुर्गा को मनचाही बाइक मिल गई। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 13, 2022 6:01 AM IST

नई दिल्ली। जिंदगी कभी-कभी हमारे साथ ऐसा खेल खेलती है, जिसकी हम कल्पना नहीं कर पाते। वैसे, तो इसके कई उदाहरण मिल जाएंगे, मगर फिलहाल बात करते हैं, दुर्गा मीणा (Durga Meena) की। जी हां, वही दुर्गा जो जोमाटो ब्वाॅय (Zomato) के नाम से इन दिनों चर्चित हैं। सोशल मीडिया (Social Media) पर इनकी मेहनत और लगन के किस्से सुनाए जा रहे हैं। उनकी जिंदगी ने कैसे करवट ली और अब क्या से क्या हो गया। 

दरअसल, राजस्थान के रहने वाले 31 साल के दुर्गा शंकर मीणा (Durga Shankar Meena) फूड डिलीवरी कंपनी Zomato (Food Delivery Company Zomato) में डिलीवरी एजेंट (Delivery Agent) हैं। बी-कॉम तक पढ़े दुर्गा हमेशा से डिलीवरी ब्वाय नहीं थे। करीब 12 साल तक वह प्राइवेट स्कूल में टीचर थे। अंग्रेजी पढ़ाते थे। कोरोना महामारी (Covid Pandemic) ने उनकी नौकरी खा ली। बेरोजगार हो गए, मगर पेट पालना था, तो जोमाटो में फूड डिलीवरी करने लगे। 

 

 

घर का खर्च भी नहीं चल पाता, बाइक कहां से लेते 
दुर्गा को इस काम से दस हजार मिल जाते थे। घर का खर्च बमुश्किल चल ही जाता है। मगर साइकिल से वह कम ही टारगेट पूरा कर पाते। एक दिन राजस्थान में भीलवाड़ा शहर के आजाद नगर क्षेत्र में रहने वाले आदित्य को कोल्ड ड्रिंक की प्यास जाग उठी। ऑनलाइन ऑर्डर किया। दुर्गा के जिम्मे यह डिलीवरी आई और यहीं से उनकी किस्मत के पन्ने पलटने भी शुरू हो गए। 

ऑनलाइन ट्यूशन देते, मन था बाइक हो जाए तो ज्यादा कमा सकूंगा 
दुर्गा ने चिलचिलाती कड़ी धूप में खूब तेज साइकिल चलाई और समय पर कोल्डड्रिंक देकर आदित्य की प्यास बुझा दी। वे इससे खुश हुए। आदित्य ने देखा कि दुर्गा साइकिल से आया है, तो उसकी मदद करने की सोची। दुर्गा ने बताया कि वे डिलीवरी के साथ-साथ बच्चों को ऑनलाइन ट्यूशन भी देते हैं। कर्ज लेकर लैपटॉप खरीदा है और सैलरी से उसकी किस्त हर महीने चुकाते हैं। बाइक लेना चाहते हैं, मगर पैसे बच नहीं रहे। आदित्य ने सोचा, क्यों मदद की जाए कि बाइक मिल जाए। क्राउड फंडिंग का सहारा लिया और ट्विटर पर दुर्गा की यूपीआई डिटेल शेयर कर दी। यह टारगेट 75 हजार रुपए का था। लोगों ने भी मदद करने की सोची और देखते ही देखते केवल तीन घंटे में एक लाख 90 हजार रुपए खाते में आ गए। 

एक शख्स ने तो दरियादिली दिखाते हुए दस हजार रुपए भेज दिए। पैसे लेकर बाइक  लेने के लिए आदित्य के साथ दुर्गा शोरूम गए। बाइक पसंद की। यह पूरा वाकया कैमरे पर रिकॉर्ड भी किया। इस तरह दुर्गा अब आदित्य तथा कई और  लोगों की मदद से बाइक के मालिक बन चुके हैं। 

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