गीता का दूसरा नाम है गीतोपनिषद, इसमें है 18 अध्याय और 700 श्लोक, आज Geeta Jayanti पर ये करें

Published : Dec 14, 2021, 08:15 AM ISTUpdated : Dec 14, 2021, 08:16 AM IST
गीता का दूसरा नाम है गीतोपनिषद, इसमें है 18 अध्याय और 700 श्लोक, आज Geeta Jayanti पर ये करें

सार

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर ही अर्जुन को श्रीकृष्ण से गीता का ज्ञान मिला था। इसलिए इस तिथि पर गीता जयंती (Geeta Jayanti 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 14 दिसंबर, मंगलवार को है। महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सामने अपने परिजन ही थे। इसलिए वे उनके विरुद्ध शस्त्र नहीं उठा पा रहे थे।

उज्जैन. जब अर्जुन कुरुक्षेत्र में मोहग्रस्त हो गए थे तब भगवान कृष्ण ने अर्जुन को धर्म और कर्म को समझाते हुए उपदेश दिया था। उसी ज्ञान को गीता कहा जाता है। कई बड़े शैक्षणिक संस्थानों में गीता को लाइफ मैनेजमेंट के रूप में पढ़ाया जाता है। इस छोटे से ग्रंथ में लाइफ को सफल बनाने के कई सफल सूत्र बताए गए हैं। गीता जयंती के अवसर पर हम आपको इससे जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

गीता का दूसरा नाम गीतोपनिषद
गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता का दूसरा नाम गीतोपनिषद है। गीता जयंती के दिन गीता को पढ़ना-सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है। गीता के उपदेशों को आत्मसात करने से जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है और समस्त शंकाओं का नाश होता है। श्रीमद्भागवत गीता में सभी परेशानियों का हल बताया गया है। सिर्फ अर्जुन ने ही नहीं, बर्बरीक, हनुमान जी और संजय ने भी भगवान श्रीकृष्ण से गीता का उपदेश सुना था।

क्यों जरूरी है गीता?
श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। किसी के पास ये पवित्र ग्रंथ नहीं है तो गीता जयंती के दिन श्रीमद्भागवत गीता को घर पर लाना शुभ माना जाता है। इस दिन से गीता-पाठ का अनुष्ठान भी शुरू किया जाता है और नियमित कुछ श्लोक अर्थ सहित पढ़ने का नियम बनाया जाता है।

गीता जयंती की पूजा विधि
स्नान आदि कर पूजा घर को साफ करें। भगवान कृष्ण का चित्र चौकी पर स्थापित कर उनके चरणों में भागवत गीता रखें। साफ वस्त्र धारण कर भगवान श्रीहरि की पूजा, पीले फल, पुष्प, धूप-दीप, दूर्वा आदि चीजें अर्पित करें। "ऊं गंगे'' मंत्र का उच्चारण कर आचमन करें। अंत में पूजा संपन्न करने के लिए आरती अर्चना करें।

क्या करें इस दिन
- गीता जयंती के दिन शंख का पूजन अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन विशेष तौर पर शंख बजाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
- गीता जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- इस दिन श्रीमद्भागवत गीता के दर्शन करने मात्र से समस्याएं व नकारात्मकता दूर होने की मान्यता है।

 

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