16 अक्टूबर, शुक्रवार को अधिक मास की अमावस्या है। ये तिथि 3 साल में एक बार आती है, इसलिए इसका विशेष महत्व है। अमावस्या को पितरों की तिथि कहा जाता है इसलिए इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं।
उज्जैन. 16 अक्टूबर, शुक्रवार को अधिक मास की अमावस्या है। ये तिथि 3 साल में एक बार आती है, इसलिए इसका विशेष महत्व है। अमावस्या को पितरों की तिथि कहा जाता है इसलिए इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, इस तिथि पर किए गए खास उपायों से पितरों की कृपा हमें मिल सकती है। ये उपाय इस प्रकार हैं…
1. अधिक मास की अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए घर बुलाएं या भोजन सामग्री जिसमें आटा, दाल, फल, गुड़, घी आदि हो दान करें।
2. किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें। इससे भी पितृगण प्रसन्न होते हैं।
3. पीपल में पितरों का वास माना गया है। अधिक मास की अमावस्या पर पीपल पर जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
4. अमावस्या पर चावल के आटे से 5 पिंड बनाएं और इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में प्रवाहित कर दें।
5. कच्चा दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में प्रवाहित करें। ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा।