Ashadha Amavasya 2022: पितृ दोष से हैं परेशान तो 28 जून को करें ये 6 उपाय, बचे रहेंगे हर संकट से

धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या (Halharini Amavasya 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 28 जून, मंगलवार को है। इस पर्व का किसानों के लिए विशेष महत्व है।

Manish Meharele | Published : Jun 27, 2022 7:59 AM IST / Updated: Jun 28 2022, 08:00 AM IST

उज्जैन. हलहारिणी अमावस्या पर किसान कृषि में काम आने वाले उपकरणों जैसे हल, बैल आदि की पूजा करते हैं। किसान इस दिन बैलों से काम नहीं लेते और उन्हें विशेष पकवान खिलाते हैं। किसान ऐसा अच्छी फसल की कामना के लिए करते हैं। यह त्योहार प्रमुख रूप से ग्रामीण अंचलों में किसानों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन पौधे लगाने का भी विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि का देवता पितृ होने से इस दिन पितरों के निमित्त भी विशेष उपाय किए जाते हैं। आगे जानिए हलहारिणी अमावस्या पर आप कौन-कौन से उपाय कर सकते हैं …

1. हलहारिणी अमावस्या पर पीपल का पौधा विशेष रूप से रोपना चाहिए क्योंकि इसमें त्रिदेव का वास माना जाता है। साथ ही इस पौधे की देख-भाल करने से पितृ दोष भी दूर होता है, ऐसी मान्यता है। इसलिए हरियाली अमावस्या पर पीपल का पौधा जरूर लगाना चाहिए। इसके अलावा बरगद, नीम, आंवला, बिल्व के पौधे भी लगा सकते हैं।

2. पितरों को प्रसन्न करने के लिए हलहारिणी अमावस्या शुद्ध घी व गुड़ मिलाकर धूप (सुलगते हुए कंडे पर रखना) देनी चाहिए। इसके बाद हथेली में पानी लें व अंगूठे के माध्यम से उसे धरती पर छोड़ दें। ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।

3. अमावस्या पर तालाब या नदी में मछलियों के लिए आटे की गोलियां बनाकर डालना चाहिए। इस उपाय से परेशानियों से राहत मिल सकती है।

4. अमावस्या पर चीटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाएं। गाय को हरा चारा खिलाएं। मछलियों के लिए आटे की गोलियां बनाकर तालाब या नदी में डालें। जरूरतमंदों को भोजन करवाएं। ये छोटे-छोटे उपाय करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।

5. हलहारिणी अमावस्या पर किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल व बिल्वपत्र चढ़ाएं। इसके बाद मंदिर में ही बैठकर रुद्राक्ष की माला से ऊं नमः शिवायः मंत्र का पाठ करें। ये उपाय करने से जीवन की परेशानियों से राहत मिल सकती है।

6. हलहारिणी अमावस्या पर किसी योग्य ब्राह्मण को सपत्नीक भोजन के लिए आमंत्रित करें। भोजन में खीर अशवय् बनाएं। भोजन के बाद ब्राह्मण दंपत्ति को उचित दान-दक्षिणा देकर संतुष्ट करें। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें। ऐसा करने से घर में सुख-संपत्ति बनी रहती है।


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