Sankashti Chaturthi Ke Upay: आज शुभ योग में करें ये 5 आसान उपाय, बचें रहेंगे हर तरह की परेशानी से

धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) का व्रत किया जाता है। इस बार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 जून, शुक्रवार को है। इसे कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी (Krishnapingal Sankashti Chaturthi) कहते हैं।

उज्जैन. संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश के निमित्त व्रत और पूजा करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 17 जून, शुक्रवार की सुबह 06.10 से शुरू होगी, जो रात को 02.59 तक रहेगी। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं, प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस दिन अगर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो जीवन में आने वाले संकटों से बचा जा सकता है। ये उपाय (Sankashti Chaturthi Ke Upay) बहुत ही आसान है, जिसे कोई भी कर सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…

1. संकष्टी चतुर्थी की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश का अभिषेक शुद्ध जल से करें। साथ ही गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ भी करते रहें। अगर स्वयं ये उपाय न कर पाएं तो
किसी योग्य ब्राह्मण से भी ये उपाय करवा सकते हैं। इससे आपकी परेशानियां दूर हो जाएंगी और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

2. धर्म ग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि पर दान देने का भी विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को कपड़े, भोजन आदि चीजों का दान करें और साथ में दक्षिणा भी दें। साथ ही गाय को चारा खिलाएं। मछलियों के लिए तालाब या नदी में आटे की गोलियां बनाकर डालें। ये छोटे-छोटे उपाय आपको बड़ा फायदा पहुंचा सकते हैं।

3. शुक्रवार को देवी लक्ष्मी का दिन कहा जाता है। इस दिन चतुर्थी होने से भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें। देवी लक्ष्मी को लाल और भगवान श्रीगणेश को हरे वस्त्र अर्पित करें। साथ ही गाय के दूध से बनी खीर का भोग भी लगाएं। इससे धन लाभ के योग बन सकते हैं।  

4. अगर काफी प्रयास करने के बाद भी किसी के विवाह में बार-बार समस्याएं आ रही हैं तो वे लोग कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं और सच्चे मन से प्रार्थना करें। इससे जल्दी ही इनके विवाह के योग बन सकते हैं।

5. अगर बिजनेस में ग्रोथ नहीं हो रही है तो भगवान श्रीगणेश की पूजा करते समय उनके सामने खड़ी हल्दी (गांठ) रखें और पूजा संपन्न होने के बाद हल्दी को अपने गल्ले में रख लें। इससे आपके व्यापार में तेजी आ सकती है।

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