भगवान शिव की पूजा के लिए अनेक मंत्र, स्तुतियों और स्त्रोतों की रचना की गई है। रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) भी इनमें से एक है। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव का ही एक नाम रुद्र है। धर्म ग्रंथों के अनुसार रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं- ब्रह्मविष्णुमयो रुद्रः, ब्रह्मा विष्णु भी रूद्रमय ही हैं।
उज्जैन. शिवपुराण (shivpuran) के अनुसार वेदों का सारतत्व, रुद्राष्टाध्यायी है जिसमें आठ अध्यायों में कुल 176 मंत्र हैं, इन्हीं मंत्रों के द्वारा त्रिगुण स्वरुप रूद्र का अभिषेक किया जाता है। अभिषेक शब्द का शाब्दिक अर्थ है स्नान कराना। रुद्राभिषेक का मतलब है भगवान रुद्र का अभिषेक यानि शिवलिंग पर रुद्रमंत्रों के द्वारा अभिषेक करना। इस बार 1 मार्च, मंगलवार को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) है। इस दिन विभिन्न द्रव्यों से रुद्राभिषेक करने से कई तरह के लाभ मिल हमें मिल सकते हैं और मनोकामना भी पूरी हो सकती है।
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मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है रुद्राभिषेक
मान्यता है कि भगवान शिव के रुद्राभिषेक से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही ग्रह जनित दोषों और रोगों से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है। अर्थात् सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा में हैं। महाशिवरात्रि और सावन में भगवान शिव के 'रुद्राभिषेक' का विशेष महत्त्व है। रुद्राभिषेक में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लगता है।
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किस द्रव्य से रुद्राभिषेक करने से क्या फायदा होता है?
1. जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
2. धन लाभ के लिये गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
3. इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
4. शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जडबुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
5. सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
6. शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
7. पापों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
8. गाय के दूध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
9. पुत्र की कामनावाले व्यक्ति शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
10. भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
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